tag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post6903278121367172622..comments2023-12-23T01:53:05.973-08:00Comments on Kunwar Kusumesh: Kunwar Kusumeshhttp://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comBlogger94125tag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-48849214450091321842011-07-01T04:57:56.572-07:002011-07-01T04:57:56.572-07:00बहुत ही सुन्दर...लाज़वाबबहुत ही सुन्दर...लाज़वाबचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-54741628747885584032011-06-02T11:18:34.733-07:002011-06-02T11:18:34.733-07:00जिसे अल्लाह के बन्दे इबादातगाह कहते थे,
फ़सादों की...जिसे अल्लाह के बन्दे इबादातगाह कहते थे,<br />फ़सादों की जड़े लेकर वही दैरो-हरम निकले.<br /><br />अदब में भी बड़ी बू-ए-सियासत आ गई साहब,<br />कहें सच तो 'कुँवर' दो-चार ही अहले-क़लम निकले.<br /><br />क्या खूब शेर कहें हैं कुंवर साहब! मज़ा आ गया'साहिल'https://www.blogger.com/profile/13420654565201644261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-52842703699559307572011-05-27T10:29:03.184-07:002011-05-27T10:29:03.184-07:00हिफ़ाज़त की नज़र से जो जगह महफ़ूज़ थी कल तक.
उसी म...हिफ़ाज़त की नज़र से जो जगह महफ़ूज़ थी कल तक.<br />उसी मंदिर ,उसी मस्जिद में रक्खे आज बम निकले. wah kya baat hai...<br />sabhee sher ek se bad kar ek hai......tareef karne ke liye alfaz kum padenge.<br />prashansaneey gazal.<br />aabharApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-1195138609377304472011-05-25T23:26:07.335-07:002011-05-25T23:26:07.335-07:00बहुत सुंदर रचना है.....
दिल में घर कर गयी!!बहुत सुंदर रचना है.....<br />दिल में घर कर गयी!!नश्तरे एहसास .........https://www.blogger.com/profile/12413478447349797313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-39720629837327451242011-05-25T08:01:34.798-07:002011-05-25T08:01:34.798-07:00बेहद शानदार लाजवाब गज़ल ।बेहद शानदार लाजवाब गज़ल ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-48320653069151478982011-05-23T19:42:20.105-07:002011-05-23T19:42:20.105-07:00हमारे तो पल्ले ही नहीं पड़ा. पता नहीं लोग बाग इतनी...हमारे तो पल्ले ही नहीं पड़ा. पता नहीं लोग बाग इतनी कठिन भाषा किसके लिए लिखते हैं.नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-44776271190307763772011-05-21T01:15:38.211-07:002011-05-21T01:15:38.211-07:00एक बहुत ही बेहतरीन व बेमिसाल रचना !
हिफ़ाज़त की ...एक बहुत ही बेहतरीन व बेमिसाल रचना ! <br /><br />हिफ़ाज़त की नज़र से जो जगह महफ़ूज़ थी कल तक.<br />उसी मंदिर ,उसी मस्जिद में रक्खे आज बम निकले.<br /><br />जिसे अल्लाह के बन्दे इबादातगाह कहते थे,<br />फ़सादों की जड़े लेकर वही दैरो-हरम निकले.<br /><br />ये दो शेर विशेष अच्छे लगे ! बहुत बहुत बधाई एवं आभार !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-12733063030616138072011-05-21T00:35:35.967-07:002011-05-21T00:35:35.967-07:00टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक...टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!<br /> आपके नए पोस्ट का इंतज़ार है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-19260791700014229092011-05-20T23:27:41.492-07:002011-05-20T23:27:41.492-07:00जिसे अल्लाह के बन्दे इबादातगाह कहते थे,
फ़सादों की...जिसे अल्लाह के बन्दे इबादातगाह कहते थे,<br />फ़सादों की जड़े लेकर वही दैरो-हरम निकले.<br /><br />कमाल का शेर है...<br />बेहद शानदार लाजवाब गज़ल ।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-12248807073762823472011-05-20T22:50:38.271-07:002011-05-20T22:50:38.271-07:00कहें सच तो 'कुँवर' दो-चार ही अहले-क़लम निक...कहें सच तो 'कुँवर' दो-चार ही अहले-क़लम निकले.बिलकुल सही !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-52404474750997326722011-05-20T09:41:41.262-07:002011-05-20T09:41:41.262-07:00सादर नमन आपको.सादर नमन आपको.musafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-83971846432645641122011-05-20T09:40:54.986-07:002011-05-20T09:40:54.986-07:00pahli bar aapke blog par aaya hun..bahut achchha l...pahli bar aapke blog par aaya hun..bahut achchha lga..Manav Mehta 'मन'https://www.blogger.com/profile/01826811764168414349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-78824994561654423152011-05-20T06:13:11.962-07:002011-05-20T06:13:11.962-07:00अदब में भी बड़ी बू-ए-सियासत आ गयी साहब
कहें सच तो ...अदब में भी बड़ी बू-ए-सियासत आ गयी साहब<br />कहें सच तो 'कुँवर', दो-चार ही अहले-कलम निकले<br /><br />बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल...Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-50923373555377896442011-05-20T04:19:39.572-07:002011-05-20T04:19:39.572-07:00केवल रामजी के ब्लॉग से आपके ब्लॉग पर आने का पहली द...केवल रामजी के ब्लॉग से आपके ब्लॉग पर आने का पहली दफा मौका मिला.बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति है आपकी.हर शब्द दिल को छूता है.<br /><br />वास्तविकता से तो आप परिचित होंगें ,परन्तु हो सके तो आपसी गिला-शिकवा दूर हो प्रेम और सद्भावना बढे बस यही कामना है.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,आपका हार्दिक स्वागत है.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-91219743237790680362011-05-20T00:45:15.398-07:002011-05-20T00:45:15.398-07:00सारी ग़ज़ल में पैनी बातें हैं. मुझे ये पंक्तियाँ ब...सारी ग़ज़ल में पैनी बातें हैं. मुझे ये पंक्तियाँ बहुत भायीं<br /><br />गवाही के लिए तैयार रहना चाँद तारों तुम,<br />कि चेहरे पे लिए चेहरा हज़ारो मुहतरम निकले.<br /><br />वाह....Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-34254795202573590672011-05-19T05:59:05.441-07:002011-05-19T05:59:05.441-07:00KUCHH AISA BHI LIKHEN, KI EK CHINGARI-A-ZALZALA HO...KUCHH AISA BHI LIKHEN, KI EK CHINGARI-A-ZALZALA HO JAYE....AISA BAHUT HO GAYA. VAKTA AB KARNE KA JO AA GAYA HAI.Rajeev Panchhihttps://www.blogger.com/profile/15602782114264816452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-60416865189780267402011-05-19T02:34:29.761-07:002011-05-19T02:34:29.761-07:00बेहतरीन गजल। साम्प्रदायिक वैमनस्य पर अच्छा कटाक...बेहतरीन गजल। साम्प्रदायिक वैमनस्य पर अच्छा कटाक्ष किया है। आपकी गजल पढ़कर मुनव्वर राना जी का एक शेर याद आ रहा है, 'ये देखकर पतंगें भी हैरान हो गयीं। अब तो छतें भी हिन्दू मुसलमान हो गयीं।''जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-56011116260087615382011-05-18T23:45:21.745-07:002011-05-18T23:45:21.745-07:00पूरी ग़ज़ल खूब है.
खासकर यह शेर तो दिल को छू गया ....पूरी ग़ज़ल खूब है.<br />खासकर यह शेर तो दिल को छू गया ....<br /><br />हिफ़ाज़त की नज़र से जो जगह महफ़ूज़ थी कल तक.<br />उसी मंदिर ,उसी मस्जिद में रक्खे आज बम निकले.<br /><br />ढेरों सलाम.<br /><br />कुंवर जी,केवल राम जी के साथ गलतफहमी दूर कर लीजिये.आप दोनों हमारे लिए बहुत ख़ास हैं.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-65511748573696005402011-05-18T23:08:16.286-07:002011-05-18T23:08:16.286-07:00वल्लाह कुंवरजी...
क्या ग़ज़ल लिखी है....!
हर शेर अ...वल्लाह कुंवरजी...<br />क्या ग़ज़ल लिखी है....!<br />हर शेर अपनी ही खुशबू से तरोताजा है..!<br />यथार्थ का चित्रण..कटाक्ष भी एकदम सटीक..!!<br />हर शेर पर दाद....!!!***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-36464599074312576912011-05-18T21:45:24.379-07:002011-05-18T21:45:24.379-07:00excellent, sir.
beautiful.excellent, sir.<br /><br />beautiful.amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-35801078475005579462011-05-18T19:23:57.659-07:002011-05-18T19:23:57.659-07:00उत्कृष्ट रचना ......मैं भी LIC में सहायक पद पर हूँ...उत्कृष्ट रचना ......मैं भी LIC में सहायक पद पर हूँ .मेरे ब्लॉग पर अवश्य आयें......मार्गदर्शन के इंतज़ार में http://kavyana.blogspot.com/Anamikaghatakhttps://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-58471414770264473372011-05-18T13:11:52.994-07:002011-05-18T13:11:52.994-07:00मसर्रत के लिबासों में छिपे वल्लाह ग़म निकले,
किताब...मसर्रत के लिबासों में छिपे वल्लाह ग़म निकले,<br />किताबे-ज़िंदगी में तह-ब-तह रंजो-अलम निकले .<br />aaj ki tasviro ko bayan karti hai aapki rachna ,laazwaabज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-33632139289319244202011-05-18T06:09:49.551-07:002011-05-18T06:09:49.551-07:00सर जी ..ये ग़ज़ल इतनी पसंद आई कि समझ नहीं आ रहा मै...सर जी ..ये ग़ज़ल इतनी पसंद आई कि समझ नहीं आ रहा मैं किस 'शेर' की तारीफ़ करूँ, और किस 'शेर' को छोड़ दूँ. आपकी इस ग़ज़ल की तारीफ़ में आये सभी कमेंट्स मैं सहमत हूँ. यक़ीन मानिए ये एक गज़ब की ग़ज़ल है. इसके लिए आपको तहेदिल से आभार.वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05613141957184614737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-43508085918767055662011-05-18T01:32:43.147-07:002011-05-18T01:32:43.147-07:00आपकी ग़ज़ल में यथार्थ का चित्रण बहुत गहर| और चिंतन...आपकी ग़ज़ल में यथार्थ का चित्रण बहुत गहर| और चिंतनीय है..हर एक पंक्ति लाजवाब है...आभारAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5283942982194974417.post-18252841935278122982011-05-17T11:27:31.264-07:002011-05-17T11:27:31.264-07:00बहुत खूबसूरत ग़ज़ल...
विवेक जैन vivj2000.blogspot...बहुत खूबसूरत ग़ज़ल...<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.com