Kunwar Kusumesh
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Monday, December 31, 2012
नया साल मुबारक
Sunday, December 2, 2012
-कुँवर कुसुमेश
कुछ दिन ही इस साल के,
सिर्फ
रह गए शेष।
मँहगाई हावी रही,बदल बदल कर भेष।।
बदल बदल कर भेष,जिंदगी नरक बना दी।
और गैस की किल्लत,ने तो धूम मचा दी।।
इसके कारण हुआ, है जीना नामुमकिन ही।
झेलो जी यह साल,बचे हैं अब कुछ दिन ही।।
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