Kunwar Kusumesh
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Wednesday, January 22, 2014
फिर से ठंडक, बरस रहा है पानी भी
फिर से ठंडक, बरस
रहा है पानी भी।
जाड़ा कर डालेगा क्या मनमानी भी ?
ठिठुर रहे हैं लाखों ठंडक में लेकिन,
दुनिया है इस मौसम की दीवानी भी।।
-कुँवर कुसुमेश
Monday, January 13, 2014
AAP
घड़ा फोड़ दो उनके अब पाप का।
गया वक़्त दुःख और संताप का।।
सही वक़्त पर लो सही फैसला ,
समय आ रहा दोस्तों AAP का।।
-कुँवर कुसुमेश
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