Friday, June 27, 2014

बरस जाओ


अजब गर्मी है बिजली और पानी को तरस जाओ। 

अजी मौसम की इच्छा है कि गर्मी में झुलस जाओ।। 

हमें बरसात की छुट-पुट फुहारें व्यर्थ लगती हैं ,

कि अब तो जून भी है ख़त्म होने को,बरस जाओ।।

-कुँवर कुसुमेश