भाई , आपके ब्लॉग पर देरी से आने के लिए पहले तो क्षमा चाहता हूँ. कुछ ऐसी व्यस्तताएं रहीं के मुझे ब्लॉग जगत से दूर रहना पड़ा...अब इस हर्जाने की भरपाई आपकी सभी पुरानी रचनाएँ पढ़ कर करूँगा....कमेन्ट भले सब पर न कर पाऊं लेकिन पढूंगा जरूर
भाई साहब रचना तो उत्कृष्ट है ही संस्कृति तत्वों से संसिक्त मौके पे आपने पढवाई जुकाम क्या यहाँ तो स्थिति साइनस से भी ज्यादा बिगड़ी हुई है गले में दुखन है सो अलग याद आया उत्तम का तुलसी पाउडर है घर में इंडियन स्टोर आनंद से लिया गया था फ़ौरन तुलसी की चाय पी फिल वक्त अदरक ,कालीमिर्च ,दाल चीनी (चाय मसाला )युक्त ही ले रहे थे .शुक्रिया मौके पे रचना पढवाई का .
तुलसी रस का व्याधि में सर्वोत्तम उपयोग भाई साहब रचना तो उत्कृष्ट है ही संस्कृति तत्वों से संसिक्त मौके पे आपने पढवाई जुकाम क्या यहाँ तो स्थिति साइनस से भी ज्यादा बिगड़ी हुई है गले में दुखन है सो अलग याद आया उत्तम का तुलसी पाउडर है घर में इंडियन स्टोर आनंद से लिया गया था फ़ौरन तुलसी की चाय पी फिल वक्त अदरक ,कालीमिर्च ,दाल चीनी (चाय मसाला )युक्त ही ले रहे थे .शुक्रिया मौके पे रचना पढवाई का .
बहुत बढ़िया.....
ReplyDeleteसादर
अनु
तुलसी मेरे आंगन की..सच है..तुलसी से बढ़ कर और कुछ दवा नहीं है..
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति ...
ReplyDeleteआभार
उपयोगी संदेश देती महत्वपूर्ण रचना....
ReplyDeleteखूबसूरत संदेश देती प्रस्तुति
ReplyDeleteजानकारी युक्त कुंडली
ReplyDeleteभाई , आपके ब्लॉग पर देरी से आने के लिए पहले तो क्षमा चाहता हूँ. कुछ ऐसी व्यस्तताएं रहीं के मुझे ब्लॉग जगत से दूर रहना पड़ा...अब इस हर्जाने की भरपाई आपकी सभी पुरानी रचनाएँ पढ़ कर करूँगा....कमेन्ट भले सब पर न कर पाऊं लेकिन पढूंगा जरूर
ReplyDeleteबहुत रोचक और लाभ दायक पोस्ट है आपकी...
वाह! संदेश के साथ क्या खूबसूरत कुण्डलिया सर...
ReplyDeleteसादर बधाई स्वीकारें...
संदेशपूर्ण रचना ...
ReplyDeleteसाभार !!
bahut badhiya... dohe bhi aur sandesh bhi...
ReplyDeleteउपयोगी तुलसी का गुणगान .....
ReplyDeleteकुण्डलिया से उपयोगी सन्देश देती तुलसी की व्याख्या .
ReplyDeleteTulsi waqayi badee upyukt wanaspati hai.
ReplyDeleteतुलसी का रस पीजिए, सदा करें उपयोग
ReplyDeleteजुकाम-खासी-ज्वर से, हमेशा रखे निरोग,,,,,,
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
badhiya !
ReplyDeleteयाद रखने योग्य कुंडली।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
सही कहा आपने .पूरी तरह से सहमत.बहुत सार्थक प्रस्तुति. रफ़्तार जिंदगी में सदा चलके पायेंगें
ReplyDeleteमोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ
gunkaari post.
ReplyDeleteआज 30/07/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
ReplyDeleteभाई साहब रचना तो उत्कृष्ट है ही संस्कृति तत्वों से संसिक्त मौके पे आपने पढवाई जुकाम क्या यहाँ तो स्थिति साइनस से भी ज्यादा बिगड़ी हुई है गले में दुखन है सो अलग याद आया उत्तम का तुलसी पाउडर है घर में इंडियन स्टोर आनंद से लिया गया था फ़ौरन तुलसी की चाय पी फिल वक्त अदरक ,कालीमिर्च ,दाल चीनी (चाय मसाला )युक्त ही ले रहे थे .शुक्रिया मौके पे रचना पढवाई का .
ReplyDeleteतुलसी रस का व्याधि में सर्वोत्तम उपयोग
ReplyDeleteभाई साहब रचना तो उत्कृष्ट है ही संस्कृति तत्वों से संसिक्त मौके पे आपने पढवाई जुकाम क्या यहाँ तो स्थिति साइनस से भी ज्यादा बिगड़ी हुई है गले में दुखन है सो अलग याद आया उत्तम का तुलसी पाउडर है घर में इंडियन स्टोर आनंद से लिया गया था फ़ौरन तुलसी की चाय पी फिल वक्त अदरक ,कालीमिर्च ,दाल चीनी (चाय मसाला )युक्त ही ले रहे थे .शुक्रिया मौके पे रचना पढवाई का .
उपयोगी तुलसी का गुणगान लिये कुण्डलिया.....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी .......
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी से भरी सुंदर प्रस्तुति....
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति.....
ReplyDeleteबड़ा उपयोगी औषध है यह, आपकी रचनाओं की तरह!
ReplyDeletesir ji useful tree
ReplyDeletehttp://gorakhnathbalaji.blogspot.com/2012/08/blog-post.html