Tuesday, April 8, 2014

इम्दाद लो पेड़ों से



गर्मी में अगर बचना है लू के थपेड़ों से,

दौराने-सफ़र रुक कर इम्दाद लो पेड़ों से। 


कुँवर कुसुमेश

4 comments:

  1. बहुत खूब भाई जी !!

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  2. यही वो पनाह है जो बिन मांगे मिल जाती है...और देने वाला एहसान भी नहीं झाड़ता...

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