Thursday, April 10, 2014

क्या वोट कि खातिर ये कहना ठीक है ?



रंजो-ग़म यारों किसी हद तक ही सहना ठीक है। 

और नेताओं को अपने हद में रहना ठीक है। 

उनकी ये ख़्वाहिश है कि रैपिस्ट को फाँसी न हो,

ऐ खुदा, क्या वोट कि खातिर ये कहना ठीक है  ?

-कुँवर कुसुमेश 

5 comments:

  1. इस समय तो सिर्फ वोट का ध्यान है...आखिरी चरण आते-आते तो भाषा और तल्ख़ हो जाएगी...

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  2. अपने हद में रहना ठीक कहाँ ?

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  3. वाह.....
    बहुत खूब......
    सादर.....

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  4. ऐसे नेताओं को सबक सिखाना जरूरी है ...

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