Sunday, October 31, 2010

28 comments:

  1. छंद में सुसंयोजित एक सुंदर कविता।...शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  2. वाह एक दम दीवाली सा महुल बना दिया है। कार्तिक के अमावस में प्रकाश का मेला। सुंदर कविता, उतना ही सुंदर शब्द संयोजन।

    ReplyDelete
  3. बहुत अच्छा लिखा है...
    आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  4. .

    दिवाली के शुभ अवसर पर इस बहतरीन रचना के लिए आभार।

    .

    ReplyDelete
  5. बहुत सुंदर ...

    आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ...

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर ...दीपावली की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  7. उम्दा कविता ....पढ़कर मन ख़ुश और दीवालीमय हो गया . इस सुंदर प्रस्तुति के लिए
    आपको आभार और दीपावली की आपको ढेरों शुभकामनाएँ...

    ReplyDelete
  8. bahut khub....
    Deewali ki bahut bahut shubkamaye....

    ReplyDelete
  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...दीपावली की शुभकामनाएं स्वीकारें. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

    ReplyDelete
  10. सुंदर! दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
    चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
    हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
    अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
    प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो

    राजभाषा हिन्दी पर – कविता में बिम्ब!
    मनोज पर -देसिल बयना’

    ReplyDelete
  11. दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाऍं।

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर लिखा है ... कविता रौशनी पर और दिवाली पर बहुत सुन्दर.. कल दिवाली पर यह कविता चर्चामंच पर होगी..

    ReplyDelete
  13. आपकी कविता पढते पढते स्वयं को प्रकाश से सराबोर पाया. देखते देखते पटाखे और अनार रंग बिखेरने लगे...कविता समाप्ति पर ही पता चला कि मैं कोई कविता पढ़ रहा था. आपने दिवाली का चित्रण इतना सजीव किया है कि मेरे शब्द ना तो पटाखों की सी छटा बिखेर सकते हैं और ना ही उतनी रोशनी. आपको दिवाली की बहुत बहुत बधाई. अश्विनी रॉय

    ReplyDelete
  14. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. ....
    बहुत सुन्दर लिखा है .... पढ़कर मन ख़ुश हो गया !

    ReplyDelete
  15. इस ज्योति पर्व का उजास
    जगमगाता रहे आप में जीवन भर
    दीपमालिका की अनगिन पांती
    आलोकित करे पथ आपका पल पल
    मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
    सुख समृद्धि शांति उल्लास की
    आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर

    आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
    सादर
    डोरोथी.

    ReplyDelete
  16. बहुत सुन्दर ........

    आपको एव आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं!

    ReplyDelete
  17. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

    5.5/10

    प्रकाश-पर्व के रंग बिखेरती पारंपरिक सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  18. आपके दीपावली पर हार्दिक शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  19. ज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  20. कुसुमेश जी,
    कुण्डलियों में आप ‘दीवाली’ का समापन ‘दीवाली’ से और ‘फुलझड़ियाँ’ का अन्त ‘फुलझड़ियाँ’ पर निभा सके, यह देखकर अच्छा लगा। मुकम्मल छंद...!

    ReplyDelete
  21. सराहनीय लेखन........हेतु बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
    चिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।
    मंगलमय हो आपको, सदा ज्योति का पर्व॥
    सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी

    ReplyDelete
  22. आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  23. कुसुमेश जी,

    आपकी पंक्तियाँ पढ़ कविवर भूषण की पंक्तियाँ याद आ गयी ....
    ऐल फ़ैल खैल भैल, खलक में गैल गैल
    सजन की ठेल पैल ,सैल उसलत हैं ....(ठीक से याद नहीं अब )

    सजे धजे घर द्वार पटाखे तड़ तड़ तड़ तड़
    बच्चों की है मौज मची है हड़ बड़ हड़ बड़
    वाह बहुत सुंदर ......

    ReplyDelete
  24. दीपावली की रौनक़ में
    यक़ीनी तौर पर इज़ाफा करती हुई
    आपकी ये खूबसूरत कुण्डलियाँ
    हर पढने वाले को सुकून बख्श रही हैं .....

    मुबारकबाद

    ReplyDelete
  25. आपकी कुंडलियों का प्रकाश दिवाली की तरह फ़ैल रहा है .... आपको बहुत बहुत मुबारक ये दीपावली ...

    ReplyDelete
  26. आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!

    सादर

    ReplyDelete
  27. Bahut sunder,
    apko S-PARIWAR deep parw ki hardik subhkamnaye.

    Sadar
    Ravi Rajbhar

    ReplyDelete