सुंदर! दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई! चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो, हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो। अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो राजभाषा हिन्दी पर – कविता में बिम्ब! मनोज पर -देसिल बयना’
आपकी कविता पढते पढते स्वयं को प्रकाश से सराबोर पाया. देखते देखते पटाखे और अनार रंग बिखेरने लगे...कविता समाप्ति पर ही पता चला कि मैं कोई कविता पढ़ रहा था. आपने दिवाली का चित्रण इतना सजीव किया है कि मेरे शब्द ना तो पटाखों की सी छटा बिखेर सकते हैं और ना ही उतनी रोशनी. आपको दिवाली की बहुत बहुत बधाई. अश्विनी रॉय
इस ज्योति पर्व का उजास जगमगाता रहे आप में जीवन भर दीपमालिका की अनगिन पांती आलोकित करे पथ आपका पल पल मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष सुख समृद्धि शांति उल्लास की आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं. सादर डोरोथी.
छंद में सुसंयोजित एक सुंदर कविता।...शुभकामनाएं।
ReplyDeleteवाह एक दम दीवाली सा महुल बना दिया है। कार्तिक के अमावस में प्रकाश का मेला। सुंदर कविता, उतना ही सुंदर शब्द संयोजन।
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है...
ReplyDeleteआप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
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ReplyDeleteदिवाली के शुभ अवसर पर इस बहतरीन रचना के लिए आभार।
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बहुत सुंदर ...
ReplyDeleteआपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ...
बहुत सुन्दर ...दीपावली की शुभकामनाएं
ReplyDeleteउम्दा कविता ....पढ़कर मन ख़ुश और दीवालीमय हो गया . इस सुंदर प्रस्तुति के लिए
ReplyDeleteआपको आभार और दीपावली की आपको ढेरों शुभकामनाएँ...
bahut khub....
ReplyDeleteDeewali ki bahut bahut shubkamaye....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...दीपावली की शुभकामनाएं स्वीकारें. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
सुंदर! दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
ReplyDeleteचिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो
राजभाषा हिन्दी पर – कविता में बिम्ब!
मनोज पर -देसिल बयना’
दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाऍं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है ... कविता रौशनी पर और दिवाली पर बहुत सुन्दर.. कल दिवाली पर यह कविता चर्चामंच पर होगी..
ReplyDeleteआपकी कविता पढते पढते स्वयं को प्रकाश से सराबोर पाया. देखते देखते पटाखे और अनार रंग बिखेरने लगे...कविता समाप्ति पर ही पता चला कि मैं कोई कविता पढ़ रहा था. आपने दिवाली का चित्रण इतना सजीव किया है कि मेरे शब्द ना तो पटाखों की सी छटा बिखेर सकते हैं और ना ही उतनी रोशनी. आपको दिवाली की बहुत बहुत बधाई. अश्विनी रॉय
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है .... पढ़कर मन ख़ुश हो गया !
इस ज्योति पर्व का उजास
ReplyDeleteजगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
बहुत सुन्दर ........
ReplyDeleteआपको एव आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDelete5.5/10
प्रकाश-पर्व के रंग बिखेरती पारंपरिक सुन्दर रचना
sundar kavita!
ReplyDeleteआपके दीपावली पर हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteकुसुमेश जी,
ReplyDeleteकुण्डलियों में आप ‘दीवाली’ का समापन ‘दीवाली’ से और ‘फुलझड़ियाँ’ का अन्त ‘फुलझड़ियाँ’ पर निभा सके, यह देखकर अच्छा लगा। मुकम्मल छंद...!
सराहनीय लेखन........हेतु बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
ReplyDeleteचिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।
मंगलमय हो आपको, सदा ज्योति का पर्व॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteकुसुमेश जी,
ReplyDeleteआपकी पंक्तियाँ पढ़ कविवर भूषण की पंक्तियाँ याद आ गयी ....
ऐल फ़ैल खैल भैल, खलक में गैल गैल
सजन की ठेल पैल ,सैल उसलत हैं ....(ठीक से याद नहीं अब )
सजे धजे घर द्वार पटाखे तड़ तड़ तड़ तड़
बच्चों की है मौज मची है हड़ बड़ हड़ बड़
वाह बहुत सुंदर ......
दीपावली की रौनक़ में
ReplyDeleteयक़ीनी तौर पर इज़ाफा करती हुई
आपकी ये खूबसूरत कुण्डलियाँ
हर पढने वाले को सुकून बख्श रही हैं .....
मुबारकबाद
आपकी कुंडलियों का प्रकाश दिवाली की तरह फ़ैल रहा है .... आपको बहुत बहुत मुबारक ये दीपावली ...
ReplyDeleteआपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
ReplyDeleteसादर
Bahut sunder,
ReplyDeleteapko S-PARIWAR deep parw ki hardik subhkamnaye.
Sadar
Ravi Rajbhar