प्लास्टिक-पॉलीथीन पर दोहे.
कुँवर कुसुमेश
थैली पॉलीथीन की,करती है नुकसान.
जीव-जन्तु खाकर इसे, गवाँ रहे हैं जान.
अक्सर नदियों में दिखी,बहती पॉलीथीन
निर्मल जल को कर रही,दूषित और मलीन.
धूँ-धूँ जलती प्लास्टिक,जलती पॉलीथीन.
धीरे धीरे कर रही,समृद्ध हॉउस-ग्रीन.
पॉलीथीनों की लगे,अब बिक्री पर रोक.
इनके कारण हो रहे,नाली-नाले चोक.
टूटी-फूटी,प्लास्टिक,रद्दी पॉलीथीन.
बंद नालियों को सदा,करने में तल्लीन.
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सतत प्रेरणा आपकी, बढ़ा इधर उत्साह ||
ReplyDeleteरचनाकारों को सदा , रहें दिखाते राह ||
पोलीथिन पर लिखे बहुत अच्छे दोहे बहुत बधाई आपको /पोलीथिन का उपयोग बंद तो होना ही चाहिए /परन्तु उनको ठीक से एक जगह या तो इकठ्ठा कर कर जला देना चाहिए या जमीन के अंदर दबा देना चाहिए /बहुत सही विषय पर आपने बहुत शानदार दोहे लिखे /बहुत बधाई आपको / आप ब्लोगर्स मीट वीकली (९) के मंच पर पर पधारें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आप हमेशा अच्छी अच्छी रचनाएँ लिखतें रहें यही कामना है /
ReplyDeleteआप ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर सादर आमंत्रित हैं /
दोने-कुल्हड़-पत्तलें, हुआ बंद व्यापार,
ReplyDeleteठोंगे भी न दीखते, भटक रहे अखबार ||
प्रेरणादायक रचना.... प्रकृति प्रेम को दर्शाती हुई..
ReplyDeleteपालिथीन की समस्या के प्रति जागरूकता आज समय की ज़रूरत है जैसे कि
ReplyDeleteब्लॉगर्स मीट वीकली
में उठाए गए अन्य मुददे ज़रूरी हैं।
जागरूकता फ़ैलाने वाले दोहे ... सार्थक लेखन
ReplyDeletedesh ki ek gambheer samsya ki aur jaagruk karti prerna dayak rachna.ek sarahniye kadam.
ReplyDeleteप्रेरणा दायक प्रस्तुति इस मुहीम में मैं भी आपके साथ हूँ सार्थक लेखन
ReplyDeleteआधुनिक दोहों का अधुनातन प्रयोग. पर्यावरण के लिए काव्य का ऐसा उपयोग सराहनीय है.
ReplyDeleteस्वच्छता एवं प्रदूषण रहित वातावरण बनाए रखने के लिये प्रेरित करते सार्थक दोहे ! अति सुन्दर !
ReplyDeleteसार्थक व प्रेरक दोहे।
ReplyDeletewaah baauji... har baar ki hi tarah ek bahut hi prernadayak post...
ReplyDeletebahut hi zaroori hai polythene ka upyog band karna...
धूँ-धूँ जलती प्लास्टिक,जलती पॉलीथीन.
ReplyDeleteधीरे धीरे कर रही,समृद्ध हॉउस-ग्रीन.
माहौली,पर्यावरणी दोहे लिखने में आपका ज़वाब नहीं .शुक्रिया और बधाई इस यग्य के लिए .
सुन्दर , जीवनोपयोगी जानकारी देने वाले दोहे ....
ReplyDeleteअपने उद्देश्य में सफल रचना ..
बहुत सुन्दर और जागरूकता फैलाती रचना ... पोलिथिन का प्रयोग कम कारण ही उचित है
ReplyDeleteजो कुछ भी आप लिखते, वह मन को है सोहे।
ReplyDeleteपॉलीथीन पर भी आपने लिख दिए अनूठे दोहे।।
प्लास्टिक ने तो कर दिया, पर्यावरण तबाह,
ReplyDeleteजीव-जंतु मरने लगे, धरती करती आह!
सार्थक सन्देश देते हुए दोहे ........
ReplyDeleteजागरूकता फ़ैलाने वाले दोहे|पर्यावरण के लिए काव्य का ऐसा उपयोग सराहनीय है|
ReplyDeleteबड़ी ही सहजता से आपने पर्यावरण के दर्द को अपने दोहों में पिरोया है !
ReplyDeleteकाश लोग धरती की पीड़ा को थोड़ा भी समझ पाते !
आभार !
असरदार दोहे।
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कभी देखा है ऐसा साँप?
उन्मुक्त चला जाता है ज्ञान पथिक कोई..
सर जी! सार्थक रचना के बधाई स्वीकारें!
ReplyDeleteबहुत सार्थक संदेश देते सुंदर दोहे। आभार
ReplyDeleteपालिथीन की समस्या के प्रति जागरूकता दर्शाते हुए बहुत सार्थक संदेश ...
ReplyDeleteekdam sarthak rachna, sunder sandesh samete hua.....
ReplyDeleteवर्तमान और आधुनिक युग के नीतिपरक दोहे.सार्थक संदेश देते हुये.
ReplyDeleteपोलीथिन पर बहुत अच्छे दोहे , यथार्थ के भावों से तराशे हुए....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सार्थक दोहे ,, वाक़ई इस पॉलिथीन से बहुत नुक़सान होता है
ReplyDeleteपॉलीथीनों की लगे,अब बिक्री पर रोक.
ReplyDeleteइनके कारण हो रहे,नाली-नाले चोक.
टूटी-फूटी,प्लास्टिक,रद्दी पॉलीथीन.
बंद नालियों को सदा,करने में तल्लीन.
बहुत सार्थक सन्देश देते दोहे!
सार्थक जागरुकता फैलाते दोहे...बहुत खूब!!!
ReplyDeleteBahut shashakt Sarthak dohe...badhai swiikaren
ReplyDeleteNeeraj
sarthak lekhan .
ReplyDeletekahar dhaa rahi hai
ReplyDeletephir bhi sab istemaal ker rahe polithin
प्रेरित करते दोहे ... सच में जागृति आनी चाहिए तभी इसका प्रयोग रुकेगा ...
ReplyDeletesarthak dohe .....hamare shahar me band ho chuka hai polithin fir bhi log isko istmaal kar rahe hai ....
ReplyDeleteप्रेरणादायक रचना.......
ReplyDeleteसच में पौलिथिन से होने वाले प्रदूषण से बहुत नुक्सान होता है
ReplyDeleteये दोहे बहुत सार्थक सन्देश दे गए |
आशा
सार्थक संदेश देते सुंदर दोहे। आभार......
ReplyDeleteपॉलीथीनों की लगे,अब बिक्री पर रोक...
ReplyDeleteबहुत जरुरी hai... सार्थक संदेशात्मक दोहे सर,
सादर...
bahut saarthak....
ReplyDeletepradushan mitaane ke liye plastic ka puri tarah se samaapt karna hi padega.....
aasha hai ek sunder aur swachh paryawaran bane
प्रेरणादायक रचना और सार्थक पोस्ट
ReplyDeleteप्लास्टिक तरक्की का पैमाना बन गया है...जितना विकसित देश उतना पोलीथिन का प्रयोग...बस पर्यावरण के प्रति लोगों के जागरूक होने की आवश्यकता है...सेफ डिस्पोज़ल ही निदान है...इस समस्या का...
ReplyDeletevery nice ..true to every word..words put together are excellent..
ReplyDeleteStop use of plastic bags..for sure !
आदरणीय भाई कुसुमेश जी दोहों के माध्यम से पर्यावरण की चिंता दृष्टिगत है बधाई
ReplyDeletekamaal kar diya sir.
ReplyDelete"भागीदारी" वाले नाहक ही उलझे हैं बड़े-बड़े होर्डिंगों में। ये छोटी-छोटी सूक्तियां अपनाएं और अपनी बात को सीधे लक्षित समूह के दिल में उतर जाने दें।
ReplyDeleteपर्यावरण पर सुंदर दोहा पढ कर अच्छा लगा । धन्यवाद ।
ReplyDeleteजागरूकता फ़ैलाने वाली रचना ... सार्थक लेखन
ReplyDelete............धन्यवाद् .................
yahi to samasya hai aaj ki........
ReplyDeleteSADA KI BHANTI BEHATAREEN SOCH SE UPAJEE GAJAL.NAISARGIT CINTA SE BHARI HUI.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, प्रेरक एवं सार्थक रचना! सच्चाई को आपने बखूबी शब्दों में पिरोया है ! बेहतरीन प्रस्तुती!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
आज - कल सरकार की वाणी कवीर दास जैसी हो गयी है यानी बरसे कम्बल , भीगे पानी ! सुधर संभव नहीं !
ReplyDeleteप्लास्टिक के दुष्प्रभावों को प्रस्तुत करती आपकी रचना बहुत अच्छी लगी.
ReplyDeleteबधाई आपको.
awesome couplets..
ReplyDeleteI'd love share them wid my friends :)
ek shashvat samsya ko khoobsurati se ukera hai aapne...
ReplyDeleteप्लास्टिक पोलिथीन पर सटीक दोहे ...
ReplyDeleteआप की पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (१०) के मंच पर शामिल की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप हमेशा ही इतनी मेहनत और लगन से अच्छा अच्छा लिखते रहें /और हिंदी की सेवा करते रहें यही कामना है /आपका ब्लोगर्स मीट वीकली (१०)के मंच पर आपका स्वागत है /जरुर पधारें /
ReplyDeleteसार्थक दोहे ....बहुत खूब
ReplyDeleteमेरी घरेलु भाषा भोजपुरी है.. इच्छा हुई की भोजपुरी में प्रतिक्रिया दूँ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिखले बनी.. आभार.. राउर प्रतिक्रिया के हमरो बा इंतिजार.. एक बेर जरूर आइब.. राउर स्वागत बा...
waah ..bahut khoob....
ReplyDeleteपॉलिथीन पर पहली बार पद्य में कुछ पढ़ने मिला है. इससे होने वाले नुकसान के प्रति सचेत कराते बेमिसाल दोहे.
ReplyDeleteशक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.
ReplyDeleteबहुत सी गायें भी मर रही हैं , कचरे के ढेर से पौलीथीन उदरस्थ करके।
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteपॉलीथीन हमारे युग का अभिशाप है पर हम ही हैं जो िसे रोक नही पा रहे हैं थोडे से आलस की वजह से पॉलीथीन की थैलियों में सामान ले लेते हैं घर से थैला नही ले जाते ।
ReplyDeleteसामयिक और सटीक दोहे ।
नवरात्रि पर्व मंगलमय हो ।
bahut hi sunder aur prabhavi dohe hain .dohe likhna vo bhi aese vshya pr asan nahi hota pr aapki kalab ne kamal kiya hai
ReplyDeletesaader
rachana
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ReplyDeleteसर्वप्रथम नवरात्रि पर्व पर माँ आदि शक्ति नव-दुर्गा से सबकी खुशहाली की प्रार्थना करते हुए इस पावन पर्व की बहुत बहुत बधाई व हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteपॉलिथिन थैले से हानि का सुंदर किया बखान।
इसके उपयोग पे बरतें सख्ती शासन का भी है फ़रमान॥
सामयिक और सटीक दोहे ...आभार।