Saturday, October 8, 2011


नाभिकीय अस्त्र-शस्त्र पर दोहे
कुँवर कुसुमेश 

वैज्ञानिक उपलब्धियाँ,नई नई नित खोज.
नये नये युद्धास्त्र को,जन्म दे रहे रोज़.

नित बनते परमाणु बम,मारक प्रक्षेपास्त्र.
मानव के हित में नहीं,ये सारे युद्धास्त्र .

भारत की भी हो गई,नाभिकीय पहचान.
एटम-बम का हो गया,जब से अनुसंधान.

परम आणविक शक्ति का,कुछ हैं पहने ताज.
खतरों को कैसे करें,मगर नज़रअंदाज़.

एटम-बम का हो गया,जब से प्रादुर्भाव.
सी.टी.बी.टी. के लिए,पड़ने लगा दबाव.

करें परीक्षण आणविक,बड़े बड़े कुछ देश.
इनके कारण भी हुआ,दूषित भू परिवेश.
*****
सी.टी.बी.टी. - comprehensive Test Ban Treaty

73 comments:

  1. शस्त्र बनते हैं तो कभी चल भी जाते हैं. आपका नज़रिया मानवीय है.

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  2. भारत की नाभिकीय पहचान के लिए हम सभी को मुबारकबाद ...........पर हम सब इसी खतरे पर विराजमान है

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  3. मानव को चेताते हुए सार्थक दोहोँ के लिए आभार वाबू जी।

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  4. sab apni apni nazar se dekhte hain :)

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  5. "परम आणविक शक्ति का,कुछ हैं पहने ताज.
    खतरों को कैसे करें,मगर नज़रअंदाज़."
    करें कैसें नज़र अंदाज़,'देश' निभाये अपना धरम।
    कहीं गिर न जाये "गाज" उद्देश्य देश रक्षा पर॥………बहुत सुंदर रचना …बधाई।

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  6. सच्चे सारे तर्क हैं, सच्चे हैं जज्बात|
    हथियारों की होड में, लगे सभी दिन रात||

    अत्यंत सार्थक दोहे हैं सर,
    सादर बधाई...

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  7. बेहतरीन पर्यावरणी वैज्ञानिक दोहे .
    ये तेजाबी बारिशें ,बिजली घर की राख ,
    एक दिन होगा भूपटल वार्नावर्त की लाख .

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  8. नाभिकीय अस्त्र एक तरह से शांती की गारंटी ही है बरहलाल अच्छी विज्ञान कविता बन पड़ी है

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  9. करें परीक्षण आणविक,बड़े बड़े कुछ देश.
    इनके कारण भी हुआ,दूषित भू परिवेश.
    आपकी चिंता सही है अच्छे दोहे सार्थक पोस्ट आभार ......

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  10. अपनी तबाही का सामान
    खुद बना बैठा है इंसान

    सुंदर ।

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  11. फुर्सत के कुछ लम्हे--
    रविवार चर्चा-मंच पर |
    अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति के साथ,
    आइये करिए यह सफ़र ||
    चर्चा मंच - 662
    http://charchamanch.blogspot.com/

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  12. बहुत सुंदर रचना,सार्थक दोहे...…बधाई।

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  13. इसी एटमी शक्ति को, अगर सकें पहिचान,
    उर्जा का भंडार यह, बन जाए वरदान।

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  14. भविष्य के लिए चेतावनी देते हुए सार्थक दोहे ..

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  15. कहां-कहां तक आपकी काव्य दृष्टि चली जाती है। हम तो सोच भी नहीं सकते थे कि इस विषय पर इतनी प्रभवशाली रचना वह भी दोहे के रूप में हो सकती है। आपने तो इसके सारे आयामों को समेट लिया है।
    आभार इस लाजवाब प्रस्तुति के लिए।

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  16. मानव को चेताते हुए सार्थक दोहोँ के लिए आभार|

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  17. सुन्दर प्रस्तुति.
    भविष्य के प्रति सचेत करती हुई.
    आभार.

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  18. भविष्य के प्रति सचेत करते एक से बढकर एक शानदार दोहे।

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  19. विषय नूतन
    विधा पुरातन

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  20. हमारी ज़िन्दगी में साधारणतन नज़रंदाज़ किये जाने वाले विषय को आपने उठाया है..
    एक तरफ लड़ाई की तैयारी है और दूसरी ओर वार्त्ता? क्या विडंबनात्मक बात है!

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  21. शब्दश : सुन्दर लिखा है..

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  22. अस्त्रों पर भी दोहे वाह
    बहुत बढ़िया !

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  23. करें परीक्षण आणविक,बड़े बड़े कुछ देश.
    इनके कारण भी हुआ,दूषित भू परिवेश.

    Prabhavit Karati Panktiyan.....

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  24. करें परीक्षण आणविक,बड़े बड़े कुछ देश.
    इनके कारण भी हुआ,दूषित भू परिवेश.

    सारी परेशानी बस यहीं से शुरू होती है...!!

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  25. या तो हम युद्ध करते हैं या फिर युद्ध की तैयारी और कुछ नहीं ...बहुत अच्छे दोहे

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  26. सामयिक दोहे सुन्दर हैं , अहसास करा रहे हैं अपने स्थान का ....सुखद / शुक्रिया जी /

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  27. बिल्कुल सही लिखा है आपने! सटीक पंक्तियाँ! बेहतरीन रचना

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  28. hamne apni dharti per hi nahi antariksha me bhi jakar pradoosan failaya hai.
    prakriti hame kabhi maaf nahi karegi.

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  29. दोहों के लिए नए विषय का चुनाव बहुत ही अच्छा है |भाई आभार

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  30. वाह ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  31. सजग करते अत्यंत सार्थक दोहे......अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  32. सुन्दर,सटीक एवं सार्थक दोहे

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  33. भारत की भी हो गई,नाभिकीय पहचान.
    एटम-बम का हो गया,जब से अनुसंधान.
    परम आणविक शक्ति का,कुछ हैं पहने ताज.
    खतरों को कैसे करें,मगर नज़रअंदाज़...
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ! शानदार एवं सार्थक दोहे!

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  34. नाभिकीय अस्त्र-शस्त्र पर इतने कसे हुए दोहे..! वाह, क्या बात है!!

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  35. इस जटिल विषय पर इतने सुन्दर दोहे ? ..अद्भुत !

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  36. नित बनते परमाणु बम,मारक प्रक्षेपास्त्र.
    मानव के हित में नहीं,ये सारे युद्धास्त्र .

    ...बहुत खूब..इतने कठिन वैज्ञानिक विषय पर भी लाज़वाब दोहे...

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  37. अनूठी रचना के लिए बधाई !

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  38. aadarniy sir
    bahut abahut hi achhi lagi aapki yah prastuti .
    bilkul sateek chitran kiya hai aapne. sabhi dohe bahut hi sundar lage .aapne itne achhe dohe likhe hain ki abhi unhe fir se padhungi.vishay bhi aapne bahut hi jabardast uthaya hai.
    bahut bahut badhai is addhbhut rachna ke liye aapko-----.
    poonam

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  39. सुन्दर ,सराहनीय रचना , बधाई

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  40. sunder bhavishye ke liye rachnatmak prastuti

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  41. परमाणु उपलब्धियों की विभीषिका का सजीव चित्रण है आपके इन दोहों में !
    मन में यह प्रश्न बरबस ही उठता है क्या हमारी पीढियां इसे झेल पाएंगी !
    आभार !

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  42. नित बनते परमाणु बम,मारक प्रक्षेपास्त्र.
    मानव के हित में नहीं,ये सारे युद्धास्त्र .

    सार्थक चिंतन करते दोहे ... ऐसा विषय जिस पर काव्य लिखना दूभर है ..आपने सहजता से लिखा है ...

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  43. परमाणु के विध्वंसक कार्यों में लगे वैज्ञानिक यदि कवि-हृदय हो सकें,कभी इसकी विभीषिका से बचना संभव।

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  44. bahut badhiya aur sartahk rachna ke liye aapko badhai.bahut hi typucal hota hai aise shirshak pe likhna per aapne to apni sarthakta hi sidd ker di bahut bahut badhai.........

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  45. करें परीक्षण आणविक,बड़े बड़े कुछ देश|
    इनके कारण भी हुआ,दूषित भू परिवेश ||
    above all.

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  46. Impeccable lines..
    Loved all of it :)

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  47. सिर्फ अपना प्रभुत्व दिखाने कि होड़ में इंसान ऐसे-ऐसे शोध कर रहा है जो मानव जाति को विध्वंस कि ओर ले जाते हैं...

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  48. नित बनते परमाणु बम,मारक प्रक्षेपास्त्र.
    मानव के हित में नहीं,ये सारे युद्धास्त्र .

    sahee

    antim doha bhi bahut saarthak kaha hai....

    parmanu kuchh aisa ghatak aawishkar hai jo is roop me kabhi hona hi nahi chahiye tha..yadyapi isko upyogita hai parantu dushparinaam ghatak hain.....

    aasha hai ek shaanti purn wishw ka nirmaan hoga....

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  49. आपके विषय चयन की और उस पर इतने सार्थक सृजन की दाद देनी पड़ेगी ! दोहों के माध्यम से आपने इन नाभिकीय परीक्षणों से पैदा होने वाले खतरों और पर्यावरण प्रदूषण के प्रति बखूबी सचेत किया है ! आपको बहुत बहुत साधुवाद !

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  50. बहुत ही सामयिक पोस्ट ।धन्यवाद ।

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  51. लफ़्ज़ों-लफ़्ज़ों हो रहे ज़ाहिर सब हालात
    है जितनी संजीदगी उतनी सच्ची बात

    वाह-वा !
    कुंवर साहब बहुत खूब !!

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  52. बड़े सुन्दर दोहे रचे आपने.

    सभी देश जितना परिश्रम और धन हथियारों के निर्माण और विकाश पर खर्च कर रहें है, अगर उसका आधा भी जन-कल्याण पर खर्च हो तो दुनिया में कोई भूखा न सोये...आपने प्रेरक विचार बांटे है, शुक्रिया.

    कभी मेरे ब्लॉग पर भी आयें, स्वागत है
    www.belovedlife-santosh.blogspot.com

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  53. ये तो मिसाइलें दाग दी हैं कुशुमेश जी. हरेक दोहा प्रभावशाली है.

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  54. Apne to kavita bhi achhi likhi aur sachet bhi kar diya..

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  55. शस्त्रों पर दोहे सभी उत्तम, कवि कुसुमेश
    सचमुच शस्त्रों ने किया,दूषित यह परिवेश.

    नागासाकी - हिरोशिमा का देखा अंजाम
    किंतु शस्त्र-निर्माण पर लग ना सकी लगाम.

    मानव ने विज्ञान का, किया गलत उपयोग
    फिर न बचा सकता उसे कोई मंगल-योग.

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  56. वाह, क्या बात है!!
    परमाणु उपलब्धियों का सजीव चित्रण

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  57. जरूरी कार्यो के कारण करीब 15 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
    आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,

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  58. नित बनते परमाणु बम,मारक प्रक्षेपास्त्र.
    मानव के हित में नहीं,ये सारे युद्धास्त्र .
    good kavita n opinion.

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  59. कुंवर कुसुमेश जी! आपकी रचना पढ़ी बढ़िया....वाह...|













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  60. बढिया रचना । हम करें तो हमारा कानून तुम करो तो तुमने तोडा ।

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  61. करें परीक्षण आणविक,बड़े बड़े कुछ देश.
    इनके कारण भी हुआ,दूषित भू परिवेश.

    करें परीक्षण आणविक,बड़े बड़े कुछ देश.
    इनके कारण भी हुआ,दूषित भू परिवेश.

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  62. bahut achche dohe naye parikshan ke saath.bahut umda.

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  63. Meaningful creation Sir..
    Regards..!

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  64. अनोखे विषयों को गज़ल के माध्यम से लिखना आसान नहीं होता कुंवर जी पर आपने इसको भी आसान कर दिया .. कमाल के शेर हैं सब ...

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  65. मेरे पास शब्द नही हैंिन नायाब दोहों की शान मे। सब ने बहुत कुछ कह दिया । बहुत बहुत बधाई।

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  66. Very well written,,,I wrote a comment earlier too
    dint get published dunno why!
    But very well written and expressed !
    nice!!

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