आ जा कि रूह रूह में तू भी बसा ले ईद....सुंदर भाव गज़लिका ... .कृपया यहाँ भी पधारें - ram ram bhai सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
आपकी किसी पुरानी बेहतरीन प्रविष्टि की चर्चा मंगलवार २८/८/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी मंगल वार को चर्चा मंच पर जरूर आइयेगा |धन्यवाद
बहुत सुन्दर। आपको भी ईद मुबारक हो।
ReplyDeleteवाह बहुत खूब लिखा है आपने ईद के चाँद के लिए /बधाई हो ] आपको भी ईद की शुभकामनायें /
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है ]जरुर पधारें ]
कुसुमेश जी, आपको भी ईद मुबारक हो।
ReplyDelete............
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
ईद और उम्मीद कायम रहे!
ReplyDeleteआशीष
--
द टूरिस्ट!!!
bahut khoob....
ReplyDeleteईद मुबारक...
ReplyDeleteआपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल २१/८/१२ को http://charchamanch.blogspot.in/ पर चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका स्वागत है
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है. ईद की बहुत मुबारकबाद.
ReplyDeleteEid mubarak ho!
ReplyDeleteवाह,,,,, बहुत ही लाजबाब प्रस्तुति,,,,कुसुमेश जी ,,,
ReplyDeleteईद की बहुत२ मुबारकबाद,,,,
RECENT POST ...: जिला अनुपपुर अपना,,,
.देखा है आसमान पे जबसे हिलाले-ईद.
दुनिया ख़ुशी से झूम रही है मना ले ईद.
दिल को लुभा लिया है मेरे चाँद-रात ने,
आ जा कि रूह रूह में तू भी बसा ले ईद....सुंदर भाव गज़लिका ... .कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteहिला ले ईद
देर में समझ में आया
जब नीचे से लिखा हुआ
अर्थ उसका नजर आया !
बहुत सुन्दर। आपको भी ईद मुबारक हो।...
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteउम्मीद पर दुनियां टिकी है और ईद पर है प्यार
ReplyDeleteबहुत लाजवाब ...
ReplyDeleteआपको ईद की शुभकामनायें ...
बहुत सुन्दर.....
ReplyDeleteईद मुबारक..सुंदर भाव !
ReplyDeleteलाजवाब .कुसुमेश जी
ReplyDeleteबधाई बढ़िया रचना कि कुसुमेश भाई ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियां हैं।
ReplyDeleteआपकी किसी पुरानी बेहतरीन प्रविष्टि की चर्चा मंगलवार २८/८/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी मंगल वार को चर्चा मंच पर जरूर आइयेगा |धन्यवाद
ReplyDeletesunder panktiyan.
ReplyDeletebahot sunder.....
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