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सटीक छंद ... अब चिट्ठियों की महक कहां रही ...
सुन्दर प्रस्तुति-शुभकामनायें आदरणीय
इ-मेल भी अब तो ज़्यादातर फ़ॉर्वर्डेड आते हैं...
WAAH KYA BAAT HAI BACHAPAN KI YAAD AA GAI
वाह !
सुन्दर छंदों में सटीक बात नई पोस्ट काम अधुरा है
बहुत सुन्दर..
सुंदर रचना , बधाई आपको ।
सही बात........
वाह वाहबहुत खूब
बहुत खूब !खूबसूरत रचना,। सुन्दर एहसास .शुभकामनाएं.
सटीक छंद ... अब चिट्ठियों की महक कहां रही ...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीय
इ-मेल भी अब तो ज़्यादातर फ़ॉर्वर्डेड आते हैं...
ReplyDeleteWAAH KYA BAAT HAI BACHAPAN KI YAAD AA GAI
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteसुन्दर छंदों में सटीक बात
ReplyDeleteनई पोस्ट काम अधुरा है
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteसुंदर रचना , बधाई आपको ।
ReplyDeleteसही बात........
ReplyDeleteवाह वाह
ReplyDeleteबहुत खूब
बहुत खूब !खूबसूरत रचना,। सुन्दर एहसास .
ReplyDeleteशुभकामनाएं.