Kunwar Kusumesh
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Wednesday, November 19, 2014
एक गुज़ारिश.....................
जब भी जाड़ों में बाहर चला कीजिये,
कुछ पुराने-से कपड़े रखा कीजिये।
ठण्ड से कंपकांपता जो कोई दिखे,
प्लीज,उसको ये
कपड़े
दिया कीजिये।
-कुँवर कुसुमेश
3 comments:
कालीपद "प्रसाद"
November 19, 2014 at 8:46 AM
सुन्दर गुजारिश !
आईना !
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संजय भास्कर
November 20, 2014 at 6:18 PM
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
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Himkar Shyam
November 24, 2014 at 3:16 AM
सुंदर और सार्थक
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सुन्दर गुजारिश !
ReplyDeleteआईना !
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
ReplyDeleteसुंदर और सार्थक
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