Wednesday, November 19, 2014

गेहूं के जवारे से..................................


डरना न कभी यारो किस्मत के सितारे से। 

मरता नहीं है कोई तक़दीर के मारे से।। 

सेहत बनेगी फिर से बीमारे-कैंसर की,।

ताकत मिलेगी इतनी गेहूं के जवारे से।। 

-कुँवर कुसुमेश 

7 comments:

  1. वाह! क्या बात!

    मेरे नसीब में कुछ तो लिखा हुआ होगा
    ख़्वाबे-ग़फ़लत न सही ख़्वाबे-परीशाँ होगा
    हिज़्र की शब भी ये ऐसे गुज़र ही जाएगी
    क्यूँ फ़िक़्रमंद रहूँ मैं के और क्या होगा

    -‘ग़ाफ़िल’

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  2. सही कहा आपने ...ला-जवाब" जबर्दस्त!!
    फुर्सत मिले तो .शब्दों की मुस्कुराहट पर आकर नई पोस्ट जरूर पढ़े....धन्यवाद :)

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  3. वाह गेहूं का सही उपयोग पता दिया आपने .. इस मुक्तक के द्वारा ...

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  4. सुंदर और स्वास्थ्यवर्धक

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