Saturday, June 20, 2015

योग दिवस


"अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" का प्रारम्भ होना भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। 
बाबा रामदेव जी की विनम्रता,सहनशीलता और योग-परिश्रम की दाद देनी होगी।   ऐसे ही लोग युग पुरुष कहलाते हैं। 

इस ऐतिहासिक अवसर पर 
मेरे कुछ दोहे :-

योग दिवस प्रारम्भ यूँ ,मानो कोई पर्व। 
सचमुच इस उपलब्धि पर,भारत को है गर्व।। 

दर्ज हुआ इतिहास में,देखो इक्किस जून। 
योग मनोमष्तिष्क को,देगा बड़ा सुकून।। 

बिन औषधि बिन डॉक्टर,मानव बने निरोग। 
जिससे यह सम्भव हुआ,कहते उसको योग।। 

बरसों के बीमार को,दो दिन में आराम। 
खुद ही करके देखिये,प्रातः प्राणायाम।। 
-कुँवर कुसुमेश 
मोबा:09415518546 

6 comments:

  1. योग दिवस पर सुंदर रचना..हार्दिक शुभकामनायें !

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (22-06-2015) को "पितृ-दिवस पर पिता को नमन" {चर्चा - 2014} पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    अन्तर्राष्ट्रीय योगदिवस की के साथ-साथ पितृदिवस की भी हार्दिक शुभकामनाएँ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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  3. योग दिवस पर सटीक अभिव्यक्ति

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  4. योग दिवस पर सटीक अभिव्यक्ति

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  5. सुंदर और सार्थक दोहे

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  6. जय मां हाटेशवरी...
    अनेक रचनाएं पढ़ी...
    पर आप की रचना पसंद आयी...
    हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
    इस लिये आप की रचना...
    दिनांक 21/06/2016 को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की गयी है...
    इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।

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