Friday, June 5, 2015

सभ्यता गई..........................


आगे बढ़ती पीढ़ी अपने-अपने ही रास्ता गई। 
पिछली पीढ़ी से क्या लेना दुनिया को ये बता गई। 
कल तक तो सभ्यता के कारण भारत का सर ऊँचा था,
बॉय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड के चक्कर में सभ्यता गई। । 
-कुँवर कुसुमेश 

8 comments:

  1. हीर-रांझा और लैला -मजनू तो पहले भी होते थे...पर आज तो हर दिन नई लैला होती है

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (07-06-2015) को "गंगा के लिए अब कोई भगीरथ नहीं" (चर्चा अंक-1999) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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  3. सटीक प्रस्तुति

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  4. बहुत ख़ूब, सुंदर और सटीक

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