लाज़िमी है आँख नम होना किसी का प्यार में। खासकर जब आदमी अच्छा लगे व्यवहार में। । आपने कुछ ख़ास ही दिल में बना ली थी जगह, आप जैसे लोग अब मिलते कहाँ संसार में। । -कुँवर कुसुमेश बेहतरीन काव्यात्मक श्रृंद्धांजलि
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 29 जुलाई 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
हाज़िर है आपको आखिरी सलाम कलाम साहब :-
ReplyDeleteलाज़िमी है आँख नम होना किसी का प्यार में।
खासकर जब आदमी अच्छा लगे व्यवहार में। ।
आपने कुछ ख़ास ही दिल में बना ली थी जगह,
आप जैसे लोग अब मिलते कहाँ संसार में। ।
-कुँवर कुसुमेश
बेहतरीन काव्यात्मक श्रृंद्धांजलि
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 29 जुलाई 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteJee,Shukriya.
Deleteबहुत सुंदर..वाकई कलाम साहब ने समस्त भारतीयों के दिल में अपनी खास जगह बना ली थी
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार
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