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आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 19 अक्टूबर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
भाई...सादर नमन..कल ब्लाग में जरूर पधारेंअगर फॉलो भी करें तोतसल्ली होगी
फॉलो karne ke liye kya/kaise karen.
यूँ अरहर की दाल को,निर्धन से मत छीन। निर्धन पायेगा भला , कैसे अब प्रोटीन। । ..किसको चिंता ..अच्छे दिन है?
जिन्हे सिर्फ दाल रोटी नसीब होती है उनका दर्द कौन समझे भाई।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 19 अक्टूबर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteभाई...
ReplyDeleteसादर नमन..
कल ब्लाग में जरूर पधारें
अगर फॉलो भी करें तो
तसल्ली होगी
फॉलो karne ke liye kya/kaise karen.
Deleteयूँ अरहर की दाल को,निर्धन से मत छीन।
ReplyDeleteनिर्धन पायेगा भला , कैसे अब प्रोटीन। ।
..किसको चिंता ..अच्छे दिन है?
जिन्हे सिर्फ दाल रोटी नसीब होती है उनका दर्द कौन समझे भाई।
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