Kunwar Kusumesh
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Wednesday, October 21, 2015
मायावी रावण....................
विजयादशमी की हार्दिक बधाई के साथ हाज़िर है एक दोहा :-
मायावी रावण कहाँ,जलकर हुआ है राख।
ज़िन्दा है इन्सान में,अब भी वो गुस्ताख़।
-कुँवर कुसुमेश
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