कुँवर कुसुमेश
ज़हरीली गैसें करें,निर्मित हॉउस-ग्रीन.
उदृत होता जा रहा,ये भी तथ्य नवीन.
निकले वाहन धुएं से,सल्फर,लेड,बेंज़ीन.
रोग कैंसर के प्रमुख,कारक हैं ये तीन.
सी ओ टू के स्रोत हैं,बड़े-बड़े उद्योग.
मानव में पैदा करें,स्वांस नली के रोग.
खनिज स्रोत से निकलती,एस ओ टू, मीथेन.
तेजाबी बरसात है,इन दोनों की देन.
उगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
सब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.
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बेंज़ीन.-C6H6,सी ओ टू -CO2
एस ओ टू-SO2,मीथेन-CH4
बढिया "रसायन शास्त्रीय" कविता है कुंवर जी.
ReplyDeleteहाँ भई ये गैसेँ तो...
ReplyDeleteविज्ञान का ज्ञान- कविता के माध्यम से, वाह!!!
ReplyDeleteपर्यावरण के प्रति जागरूक करती हुई सुन्दर रचना ..
ReplyDeleteपर्यावरण के प्रति जागरूक करते सार्थक दोहे
ReplyDeleteगैसों में गुन हैं मगर, अवगुन अपरम्पार,
ReplyDeleteदोहे देते सीख हैं, स्वीकारें आभार।
Amol sandesh aur jaankaaree,donohee!
Deleteउगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
ReplyDeleteसब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.
वाह पर्यावरण पर सार्थक दोहे .......
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ReplyDeleteसभी दोहों में ज्ञान और विज्ञान का अद्भुत सम्मिश्रण बरबस मन को आकृष्ट करता है । चूंकि दोहे पर्यावरण संरक्षण पर आधारित हैं, इसलिए इसमें अद्भुत ताजगी है ।
ReplyDeleteबहुत उम्दा वैज्ञानिक दोहे ,विशेष तौर पर ये
ReplyDeleteउगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
सब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.
bahut sunder jaankari aur sandesh deti rachna...........
ReplyDeleteबेहद उम्दा और यतार्थ के करीब सुंदर रचना.
ReplyDeleteकविता में विज्ञान ..
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति !!
दोहों में विज्ञान की खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteकविता के माध्यम से विज्ञान की बातें रोचक लगी..सार्थक प्रस्तुति...
ReplyDeleteदोहों के माध्यम से विज्ञानिक जानकारी देने के लिए आभार
ReplyDeleteबड़े ही वैज्ञानिक दोहे हैं...
ReplyDeleteप्रणाम करता हूं आपके पर्यावरण काव्य प्रेम को
ReplyDeleteजागरूक रचना ....
ReplyDeleteशुभकामनायें !
खनिज स्रोत से निकलती,एस ओ टू, मीथेन.
ReplyDeleteतेजाबी बरसात है,इन दोनों की देन.
gyanvardhak ....sunder science aur hindi ka mishran ....
bahut uttam jaagrati dene vaale dohe.bahut vicharniye.bahut pasand aaye.
ReplyDeletephrasing ...
ReplyDeletewith scientific approach
commendable !!
इस रासायिनिक कविता के द्वारा प्रदूषण का विष्लेषण बहुत सुंदर है. आप हर बार कुछ नया प्रयोग करते हैं. बहुत बधाई.
ReplyDeleteदोहों में विज्ञान की खूबसूरत प्रस्तुति*. बहुत बधाई.
ReplyDeleteविज्ञान और साहित्य का अनूठे संगम के साथ लिखी यथार्थ को बताती हुई अनूठी पोस्ट .बहुत बधाई आपको ./मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है.जरुर पधारें /आभार /
ReplyDeleteबहुत सुन्दर दोहे| मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteसी ओ टू के स्रोत हैं,बड़े-बड़े उद्योग.
ReplyDeleteमानव में पैदा करें,स्वांस नली के रोग...
मकर संक्रांति के दिन मौसम से सम्बंधित लाजवाब दोहे ... बहुत बहुत बधाई कुंवर जी ...
वाह बहुत खूब ..मकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनायें ...
ReplyDeletebahut khoob...agar bachchon ko isi tarh se padhaya jaye to science ke sath unki bhasha bhi viksit hogi....badiya prayas.
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ..आभार ।
ReplyDeleteरसायन परक दोहों ने जानकारी भी बढ़ाई और आनंद भी दिया,वाह !!!
ReplyDeletevaigyanik drishti ke sath ak rochak aur mahtvpoorn prastuti lagi ....abhar kushmesh ji .
ReplyDeleteरसायनशास्त्रमयी दोहे बहुत ज्ञानवर्धक हैं...
ReplyDeleteसार्थक दोहे ......
ReplyDeleteज्ञानवर्धक आनुप्रयासिक प्रस्तुति
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteकॉलेजे के दिन याद करा दिये..
अनोखे दोहे..मज़ा आया पढ़ कर.
सादर.
दोहे और गजलों के कुँवर आपकी लेखनी को नमन..
ReplyDeleteसुन्दर दोहे.. विज्ञान और साहित्य का सुन्दर समन्वय
ReplyDeletebahut achchi lagi......
ReplyDeleteचेतावनियाँ गंभीर हैं. बहुत सहज तरीके से वैज्ञानिक शब्दों से लदे दोहे कहने का आपका अंदाज़ अलग रंग रखता है.
ReplyDeletewaah! kya baat hai...aisi kavita pahli baar padhi hai....bdhaai sweekaren...
ReplyDeleteउगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
ReplyDeleteसब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.
बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
वैज्ञानिक तथ्यों को बहुत ही सहज और सुन्दर तरीके से चित्रित किया है...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteKushumesh ji.........
ReplyDeleteVery nice & meaningful Dohe! Thanks!
WISH U HAPPY REPUBLIC DAY!
सुन्दर दोहे लगे हैं, श्रीमान कुसुमेश।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर भी पढ़े, दोहे लिखे दिनेश।।
कृपया इसे भी पढ़े-
क्या यही गणतंत्र है
बहुत सुंदर रसायन गाथा ,भावपूर्ण अच्छी रचना,..
ReplyDeleteWELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 28/1/2012 को। कृपया पधारें और अपने अनमोल विचार ज़रूर दें।
ReplyDeleteपर्यावरण के प्रति सचेत करते दोहे |
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