Saturday, January 14, 2012

ज़हरीली गैसें (दोहे)




कुँवर कुसुमेश 

ज़हरीली गैसें करें,निर्मित हॉउस-ग्रीन.
उदृत होता जा रहा,ये भी तथ्य नवीन.

निकले वाहन धुएं से,सल्फर,लेड,बेंज़ीन.
रोग कैंसर के प्रमुख,कारक हैं ये तीन.

सी ओ टू के स्रोत हैं,बड़े-बड़े उद्योग.
मानव में पैदा करें,स्वांस नली के रोग.

खनिज स्रोत से निकलती,एस ओ टू, मीथेन.
तेजाबी बरसात है,इन दोनों की देन.

उगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
सब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.

*****
बेंज़ीन.-C6H6,सी ओ टू -CO2
एस ओ टू-SO2,मीथेन-CH4

49 comments:

  1. बढिया "रसायन शास्त्रीय" कविता है कुंवर जी.

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  2. विज्ञान का ज्ञान- कविता के माध्यम से, वाह!!!

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  3. पर्यावरण के प्रति जागरूक करती हुई सुन्दर रचना ..

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  4. पर्यावरण के प्रति जागरूक करते सार्थक दोहे

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  5. गैसों में गुन हैं मगर, अवगुन अपरम्पार,
    दोहे देते सीख हैं, स्वीकारें आभार।

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  6. उगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
    सब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.
    वाह पर्यावरण पर सार्थक दोहे .......

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  7. सभी दोहों में ज्ञान और विज्ञान का अद्भुत सम्मिश्रण बरबस मन को आकृष्ट करता है । चूंकि दोहे पर्यावरण संरक्षण पर आधारित हैं, इसलिए इसमें अद्भुत ताजगी है ।

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  8. बहुत उम्दा वैज्ञानिक दोहे ,विशेष तौर पर ये

    उगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
    सब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.

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  9. bahut sunder jaankari aur sandesh deti rachna...........

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  10. बेहद उम्दा और यतार्थ के करीब सुंदर रचना.

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  11. कविता में विज्ञान ..
    अच्‍छी प्रस्‍तुति !!

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  12. दोहों में विज्ञान की खूबसूरत प्रस्तुति

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  13. कविता के माध्यम से विज्ञान की बातें रोचक लगी..सार्थक प्रस्तुति...

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  14. दोहों के माध्यम से विज्ञानिक जानकारी देने के लिए आभार

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  15. बड़े ही वैज्ञानिक दोहे हैं...

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  16. प्रणाम करता हूं आपके पर्यावरण काव्य प्रेम को

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  17. जागरूक रचना ....
    शुभकामनायें !

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  18. खनिज स्रोत से निकलती,एस ओ टू, मीथेन.
    तेजाबी बरसात है,इन दोनों की देन.
    gyanvardhak ....sunder science aur hindi ka mishran ....

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  19. bahut uttam jaagrati dene vaale dohe.bahut vicharniye.bahut pasand aaye.

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  20. phrasing ...
    with scientific approach

    commendable !!

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  21. इस रासायिनिक कविता के द्वारा प्रदूषण का विष्लेषण बहुत सुंदर है. आप हर बार कुछ नया प्रयोग करते हैं. बहुत बधाई.

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  22. दोहों में विज्ञान की खूबसूरत प्रस्तुति*. बहुत बधाई.

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  23. विज्ञान और साहित्य का अनूठे संगम के साथ लिखी यथार्थ को बताती हुई अनूठी पोस्ट .बहुत बधाई आपको ./मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है.जरुर पधारें /आभार /

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  24. बहुत सुन्दर दोहे| मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ|

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  25. सी ओ टू के स्रोत हैं,बड़े-बड़े उद्योग.
    मानव में पैदा करें,स्वांस नली के रोग...

    मकर संक्रांति के दिन मौसम से सम्बंधित लाजवाब दोहे ... बहुत बहुत बधाई कुंवर जी ...

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  26. वाह बहुत खूब ..मकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनायें ...

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  27. bahut khoob...agar bachchon ko isi tarh se padhaya jaye to science ke sath unki bhasha bhi viksit hogi....badiya prayas.

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  28. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ..आभार ।

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  29. रसायन परक दोहों ने जानकारी भी बढ़ाई और आनंद भी दिया,वाह !!!

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  30. vaigyanik drishti ke sath ak rochak aur mahtvpoorn prastuti lagi ....abhar kushmesh ji .

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  31. रसायनशास्त्रमयी दोहे बहुत ज्ञानवर्धक हैं...

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  32. ज्ञानवर्धक आनुप्रयासिक प्रस्तुति

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  33. :-)
    कॉलेजे के दिन याद करा दिये..
    अनोखे दोहे..मज़ा आया पढ़ कर.
    सादर.

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  34. दोहे और गजलों के कुँवर आपकी लेखनी को नमन..

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  35. सुन्दर दोहे.. विज्ञान और साहित्य का सुन्दर समन्वय

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  36. चेतावनियाँ गंभीर हैं. बहुत सहज तरीके से वैज्ञानिक शब्दों से लदे दोहे कहने का आपका अंदाज़ अलग रंग रखता है.

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  37. waah! kya baat hai...aisi kavita pahli baar padhi hai....bdhaai sweekaren...

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  38. उगल रहे काला धुवाँ,पेट्रोलियम पदार्थ.
    सब कुछ स्वाहा उक्ति को,करें न ये चरितार्थ.

    बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  39. वैज्ञानिक तथ्यों को बहुत ही सहज और सुन्दर तरीके से चित्रित किया है...बहुत सुन्दर

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  40. Kushumesh ji.........

    Very nice & meaningful Dohe! Thanks!

    WISH U HAPPY REPUBLIC DAY!

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  41. सुन्दर दोहे लगे हैं, श्रीमान कुसुमेश।
    मेरे ब्लॉग पर भी पढ़े, दोहे लिखे दिनेश।।
    कृपया इसे भी पढ़े-
    क्या यही गणतंत्र है

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  42. बहुत सुंदर रसायन गाथा ,भावपूर्ण अच्छी रचना,..
    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

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  43. आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 28/1/2012 को। कृपया पधारें और अपने अनमोल विचार ज़रूर दें।

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  44. पर्यावरण के प्रति सचेत करते दोहे |

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