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वो भी यही सोचता होगा.....नमन उस महात्मा को..सादरअनु
छोड़ गये तुम सब कुछ जैसा गाँधी जी. आज नहीं है वो सब वैसा गाँधी जी.मानवता को कुचल दिया है पैसे ने,सब से बढ़ करके है पैसा गाँधी जी.बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ पूरी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम .
सादर नमन बापू को ||
उस पैसे पर छपे हुये हो गांधी जी किसको परवाह है इस बात की गांधी जी । बहुत सार्थक बात ।
AADARSH VKYAKTITWA KO NAMAN!SUNDER PANKTIYA AAPKI
गांधी जी को शत शत नमन।
गाँधी के विचार अनमोल हैं...पैसे से क्या-क्या तुम यहाँ खरीदोगे...
यही हुआ है...बापू को नमन
भाव पूर्ण पंक्तियाँ..गांधी जी को शत शत नमन।
Baapu ka Bharat ab kahan raha?
शत् शत् नमन सादर
तब पैशन थे अब फैशन हो गए गांधी जी !अच्छी रचना ...
बहुत ख़ूब! वाह!कृपया इसे भी देखें-नाहक़ ही प्यार आया
इस देश के लिए एक और गांधी कहाँ से लाएं
.......गांधी जी को शत शत नमन।
वो भी यही सोचता होगा.....
ReplyDeleteनमन उस महात्मा को..
सादर
अनु
छोड़ गये तुम सब कुछ जैसा गाँधी जी.
ReplyDeleteआज नहीं है वो सब वैसा गाँधी जी.
मानवता को कुचल दिया है पैसे ने,
सब से बढ़ करके है पैसा गाँधी जी.
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ पूरी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम .
सादर नमन बापू को ||
ReplyDeleteउस पैसे पर छपे हुये हो गांधी जी
ReplyDeleteकिसको परवाह है इस बात की गांधी जी ।
बहुत सार्थक बात ।
AADARSH VKYAKTITWA KO NAMAN!
ReplyDeleteSUNDER PANKTIYA AAPKI
गांधी जी को शत शत नमन।
ReplyDeleteगाँधी के विचार अनमोल हैं...पैसे से क्या-क्या तुम यहाँ खरीदोगे...
ReplyDeleteयही हुआ है...बापू को नमन
ReplyDeleteभाव पूर्ण पंक्तियाँ..गांधी जी को शत शत नमन।
ReplyDeleteBaapu ka Bharat ab kahan raha?
ReplyDeleteशत् शत् नमन
ReplyDeleteसादर
तब पैशन थे अब फैशन हो गए गांधी जी !
ReplyDeleteअच्छी रचना ...
बहुत ख़ूब! वाह!
ReplyDeleteकृपया इसे भी देखें-
नाहक़ ही प्यार आया
इस देश के लिए एक और गांधी कहाँ से लाएं
ReplyDelete.......गांधी जी को शत शत नमन।
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