आदमी फिर नये सफ़र पर है
कुँवर कुसुमेश
लो नया आफ़ताब सर पर है,
आदमी फिर नये सफ़र पर है.
तुमको कितने क़रीब से देखे,
ये नये साल की नज़र पर है.
लोग निकले बधाइयाँ देने ,
बात ठहरी अगर-मगर पर है.
कितनी ऊंची उड़ान ले लेगा ,
ये परिंदों के बालोपर पर है.
लोग पत्थर लिए नज़र आये,
कोई फल-फूल क्या शजर पर है?
सोच इन्सान की बदल देना,
एक फ़नकार के हुनर पर है.
भूल जाये भले ही ये दुनिया,
पर भरोसा हमें 'कुँवर' पर है.
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बालोपर-सामर्थ्य, शजर-पेड़
नये साल के उपलक्ष्य मे बेहतरीन रचना
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की हृार्दिक शुभकामनाये
आशा का संचार करती सुन्दर पोस्ट!
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
सोच इन्सान की बदल देना,
ReplyDeleteएक फ़नकार के हुनर पर है.
और सच तो यह है की यह हुनर किसी - किसी में होता है , इंसान की सोच को परिवर्तित करना एक कलाकार के वश में होता है ..बहुत सुंदर गजल है यह प्रत्येक पंक्ति अर्थपूर्ण ...नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
ReplyDeleteसर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
सदाचार - मंगलकामना!
इसी तरह कायम रहे यह भरोसा.
ReplyDeleteभूल जाये भले ही ये दुनिया,
ReplyDeleteपर भरोसा हमें 'कुँवर' पर है.
गज़ब लिखते हैं कुंवर जी .....
हम भी यही भरोसा करते हैं ......
अच्छी रचना नूतन वर्ष के स्वागत के लिये,
ReplyDeleteहमें भी लगता है……
भूल जाये भले ही ये दुनिया,
पर भरोसा हमें 'कुँवर' पर है.
फूल और पत्थर
ReplyDeleteसाथ में इतनी
खूब सारी फर फर
एक हिन्दी ब्लॉगर पसंद है
आशा का उजास फ़ैलाती खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteअनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
नया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
ReplyDeleteन हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!
सुंदर प्रस्तुति..नये वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteलो नया आफ़ताब सर पर है,
ReplyDeleteआदमी फिर नये सफ़र पर है
नववर्ष के आग़ाज़ पर खूबसूरत शेर...........उम्दा ग़ज़ल
नववर्ष की बधाई!
क्या बात है.. नए साल के लिए खूबसूरत पंक्तियाँ..
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनाएं..
आभार
बहुत सुनदर अभिव्यक्ति , बधाई व आपको व आपके ब्लाग के सभी साथियों को नववर्ष की शुभकामनायें।
ReplyDeleteनववर्ष आपके लिए मंगलमय हो और आपके जीवन में सुख सम्रद्धि आये…
ReplyDeleteसुन्दर रचना, भरोसा कायम रहेगा...
ReplyDeleteसाधुवाद.
नववर्ष आपको मंगलमय हो!
ReplyDelete--
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नववर्ष स्वजनों सहित मंगलमय हो आपको । सादर - आशुतोष मिश्र
ReplyDeleteलोग पत्थर लिए नज़र आये,
ReplyDeleteकोई फल-फूल क्या शजर पर है?
क्या बात है साहब.बहुत उम्दा बात.
नए साल की बधाई.
नए साल का स्वागत और गए साल की विदाई...
ReplyDeleteसभी को नए साल की बहुत बहुत शुभकामना....
लो नया आफ़ताब सर पर है,
ReplyDeleteआदमी फिर नये सफ़र पर है.
तुमको कितने क़रीब से देखे,
ये नये साल की नज़र पर है.
लोग निकले बधाइयाँ देने ,
बात ठहरी अगर-मगर पर है.
लोग पत्थर लिए नज़र आये,
कोई फल-फूल क्या शजर पर है?
bahut bahut shurkiyaa..apni is nyii gazal tk laane ke liye.....waaaaah.....nye saal ki shuraat me hi itnii bdhiyaaa gazal prne ko mil gye...lgta he ye saal bhi khoob shyarnaa jaayegaaa...........
bahut hi umdaa gazal
chunindaa sher to bahut hii ache lge
take care
नए वर्ष पर बहुत प्यारी रचना...
ReplyDeleteHappy New Year...
आदमी फिर नये सफ़र पर है.
ReplyDeleteबात ठहरी अगर-मगर पर है.
सोच इन्सान की बदल देना,
एक फ़नकार के हुनर पर है.
मान्यवर नमस्कार| बेहतरीन सोच, उम्दा ख़याल और तार्किक बातों को बतियाती ग़ज़ल पेश करने के लिए बहुत बहुत बधाई| आपकी उक्त ग़ज़ल के कुछ मिसरों को ले कर मैने अपना [आपका ही, श्रीमान!] एक मनपसंद शे'र बना लिया है| मुझे ये बहुत ही अच्छा लगा, आप समझ सकते हैं क्यूँ है ये मेरे दिल के इतने करीब|
आशा का संचार करती सुन्दर पोस्ट।
ReplyDeleteनए साल की हार्दिक शुभकामनायें ।
नए वर्ष पर बहुत प्यारी रचना
ReplyDeleteनव वर्ष की बहुत शुभकामनाये......
Bhaut khoob !!!!!!
ReplyDeleteKunwar Saab ......
WISH YOU A VERY HAPPY, PROSPEORUS AND SUCCESSFUL NEW YEAR!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!2010.
"सोच इन्सान की बदल देना,
ReplyDeleteएक फ़नकार के हुनर पर है."
समाज को सन्देश एवं दिशा देती एक सकारात्मक रचना.
कुसुमेश जी , इस रचना का अंतर्नाद ...अनुकरणीय है . सन्देश अतिपावन है .आपको बधाई ..इस उत्कृष्ट रचना के लिए .
ReplyDeleteआदमी फिर नये सफ़र पर है...क्या बात है. बहुत खूब कुसुमेश जी.
ReplyDeleteनये वर्ष की अनन्त-असीम शुभकामनाएं.
आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना ! भगवान् से प्रार्थना है कि नया साल आप सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDelete........
नव वर्ष 2011
आपके एवं आपके परिवार के लिए
सुख-समृद्धिकारी एवं
मंगलकारी हो।
।।शुभकामनाएं।।
आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteकुसुमेश जी,
ReplyDeleteलोग निकले बधाइयाँ देने ,
बात ठहरी अगर-मगर पर है.
पूरी ग़ज़ल में से सबसे अच्छा शेर छांट पाना बहुत ही मुश्किल है सब एक से बढ़ कर एक हैं!
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
मंगलमय नववर्ष और सुख-समृद्धिमय जीवन के लिए आपको और आपके परिवार को अनेक शुभकामनायें !
ReplyDeleteबेहतरीन ग़ज़ल !
कितनी ऊंची उड़ान ले लेगा ,
ReplyDeleteये परिंदों के बालोपर पर है.
बहुत खूब!
शुभकामनाएं!
बहुत सटीक बातें कह दी हैं गज़ल में ..खूबसूरत गज़ल
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
बेहतरीन गजल। नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteNaye saal kee bahut,bahut mubarakbaad!
ReplyDeleteनव वर्ष आपको शुभ और मंगलमय हो
ReplyDeleteआशा
गज़ल के रूप में ये सुन्दर आशावादी रचना बहुत अच्छी लगी.. कुंवर जी !! नए साल पर हार्दिक शुभकामनाएं ..
ReplyDelete.
ReplyDeleteलो नया आफ़ताब सर पर है,
आदमी फिर नये सफ़र पर है.
तुमको कितने क़रीब से देखे,
ये नये साल की नज़र पर है....
नए साल के उपलक्ष्य में इस सुन्दर रचना की बधाई ।
नया वर्ष आपके जीवन में सुख समृद्धि लाये।
.
आशा व विश्वास कि इसी तरह हो, पूरे साल.
ReplyDeleteबहुत शानदार !
ReplyDeleteलोग निकले बधाइयाँ देने ,
ReplyDeleteबात ठहरी अगर-मगर पर है.
सोच इन्सान की बदल देना,
एक फ़नकार के हुनर पर है.
नए साल के पावन मौके पर
ऐसी शानदार और कामयाब ग़ज़ल का तोहफा
दिया आपने अपने चाहने वालों को ....
ग़ज़ल के हवाले से मन की गहराईयों की जाने कौन-कौन-सी
बात कह दी है आपने ..... वाह - वा !!
बेहतरीन रचना
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
"सोच इंसान की बदल देना
ReplyDeleteएक फनकार के हुनर पर है"
और आपने वाकई में हमारी सोच बदल डाली....
शुक्रिया !!!! नव वर्ष की शुभकामनायें !!!
नए साल के उपलक्ष्य में इस सुन्दर रचना की बधाई ।
ReplyDeleteनया वर्ष आपके जीवन में सुख समृद्धि लाये।
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ...नया वर्ष आपके लिये मंगलमय हो ।
ReplyDeleteलोग पत्थर लिए नज़र आये,
ReplyDeleteकोई फल-फूल क्या शजर पर है ...
बहुत खूब क्या फितरत है आदमी की आज के दौर में ... सार्थक लिखा है ... गज़ब की ग़ज़ल ...
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...
नव वर्ष की सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
बहुत ही प्यारी गजल। बहुत ही शानदार भाव।
ReplyDelete---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
सोच इंसान की बदल देना ,
ReplyDeleteएक फ़नकार के हुनर पर है।
बहतरीन गजल...........शानदार अभिव्यक्ति । आभार वाबू जी !
आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायेँ ।
बहुत सुन्दर भाव हैं गजल में। आशा भी है प्रेरणा भी है।
ReplyDeleteआभार।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
हरीश
लोग पत्थर लिए नज़र आये,
ReplyDeleteकोई फल-फूल क्या शजर पर है?
बेहतरीन ग़ज़ल...
नए साल की मुबारकबाद.
सोच इन्सान की बदल देना,
ReplyDeleteएक फ़नकार के हुनर पर है.
आज इसी कि सबसे ज्यादा जरुरत है इंसान की सोच बदलने की
आपको व आपके परिवार को सार्थक लेखन व नव वर्ष कि मंगल कामनाएं
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ....
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