आत्मा से कभी पूछ ले.
कौन-सी राह पर तू चले.
वैध समलैंगिकता हुई,
उफ़ अदालत के ये फैसले.
पश्चिमी तर्ज़ पर देश में,
हल हुए हैं सभी मसअले
ठोकरें-ठोकरें हर क़दम,
ज़िंदगी के यही मर्हले.
आग ने भी जलाया 'कुँवर'
और पानी से भी हम जले.
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मर्हले=पड़ाव/ठहरने का स्थान