Monday, July 27, 2015

आखिरी सलाम कलाम साहब............................


हाज़िर है आपको आखिरी सलाम कलाम साहब :-

लाज़िमी है आँख नम होना किसी के प्यार में। 
खासकर जब आदमी अच्छा लगे व्यवहार में। । 
आपने कुछ ख़ास ही दिल में बना ली थी जगह,
आप जैसे  लोग  अब  मिलते  कहाँ संसार में। । 
-कुँवर कुसुमेश 

Friday, July 17, 2015

हुक्मे-रब्बी है........................


हुक्मे-रब्बी है, हमें राह पे लाने के लिये । 
ये महज़ रस्म नहीं सिर्फ निभाने के लिये। 
प्यार से ईद मनाना है गले मिल-जुल कर,
चाँद निकला है हमें इतना बताने के लिये।
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 ईद मुबारक हो 
-कुँवर कुसुमेश  
हुक्मे-रब्बी=ईश्वरीय आदेश