Wednesday, June 24, 2015

अब्र बरसे हैं.........................


लोग पानी को खूब तरसे हैं। 
तब कहीं जाके अब्र बरसे हैं। 
देर क्यों लग रही  मेरे मौला,
ख्वाब मेरे तो मुख़्तसर से हैं। 
-कुँवर कुसुमेश
 अब्र-बादल ,मुख़्तसर-थोड़े 

Saturday, June 20, 2015

योग दिवस


"अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" का प्रारम्भ होना भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। 
बाबा रामदेव जी की विनम्रता,सहनशीलता और योग-परिश्रम की दाद देनी होगी।   ऐसे ही लोग युग पुरुष कहलाते हैं। 

इस ऐतिहासिक अवसर पर 
मेरे कुछ दोहे :-

योग दिवस प्रारम्भ यूँ ,मानो कोई पर्व। 
सचमुच इस उपलब्धि पर,भारत को है गर्व।। 

दर्ज हुआ इतिहास में,देखो इक्किस जून। 
योग मनोमष्तिष्क को,देगा बड़ा सुकून।। 

बिन औषधि बिन डॉक्टर,मानव बने निरोग। 
जिससे यह सम्भव हुआ,कहते उसको योग।। 

बरसों के बीमार को,दो दिन में आराम। 
खुद ही करके देखिये,प्रातः प्राणायाम।। 
-कुँवर कुसुमेश 
मोबा:09415518546 

Tuesday, June 16, 2015

स्वास्थ्य को खूब निखारो..........


यारो इक्किस जून का,करिये खूब प्रचार। 
योग दिवस उस रोज़ से,प्रकटेगा इस बार। 
प्रकटेगा इस बार,योग से रोग भगेंगे। 
जय जय बाबा राम देव,सब लोग कहेंगे। 
करके प्राणायाम,स्वास्थ्य को खूब निखारो। 
बिन पैसे हो ठीक,जियो मस्ती में यारो। 
-कुँवर कुसुमेश 

Friday, June 5, 2015

सभ्यता गई..........................


आगे बढ़ती पीढ़ी अपने-अपने ही रास्ता गई। 
पिछली पीढ़ी से क्या लेना दुनिया को ये बता गई। 
कल तक तो सभ्यता के कारण भारत का सर ऊँचा था,
बॉय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड के चक्कर में सभ्यता गई। । 
-कुँवर कुसुमेश