Saturday, December 31, 2011

नया साल 2012 मुबारक

 
कुँवर कुसुमेश 

मालिक तू इत्मिनान से दैरो-हरम में है.
पर चाहने वाला तेरा दरिया-ए-ग़म में है.

सहमा हुआ है आदमी आतंकवाद से,
बम से ज़ियादा खौफ़ छुपा हर्फ़े-बम में है.

चौड़ी हुई सड़क तो कई पेड़ कट गये,
पर्यावरण का नाश छुपा इस उधम में है.

रॉकेट गया है चाँद पे पानी तलाशने,
साइंस दाँ बताए कोई किस भरम में है.

अगले जनम की सोंच के सिहरन-सी हो गई,
कुछ इस तरह का दर्द मिला इस जनम में है.

उम्मीद करें आप नये साल से 'कुँवर',
इसका ही नाम दोस्तों अहले-करम में है.

शब्दार्थ:-
दैरो-हरम=मंदिर-मस्जिद, दरिया-ए-ग़म=ग़म का दरिया,
हर्फ़े-बम=बम शब्द, अहले-करम=दया करने वाला 

Sunday, December 18, 2011

सच-झूठ पर दोहे


कुँवर कुसुमेश

सच्चाई फुटपाथ पर, बैठी लहू-लुहान.
झूठ निरंतर बढ़ रहा,निर्भय सीना तान.

उन्नति करते जा रहे,अब झूठे-मक्कार.
होगा जाने किस तरह,सच का बेड़ा पार.

झूठ तुम्हारे हो गए,कितने लम्बे पैर.
सच की इज़्ज़त दांव पर, राम करेंगे खैर.

सच के मुँह तक से नहीं, निकल रही आवाज़.
मगर झूठ के शीश पर,हरदम सोहे ताज.

सच पर चलने की हमें,हिम्मत दे अल्लाह.
काँटों से भरपूर है, सच्चाई की राह.
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Thursday, December 1, 2011

ध्वनि प्रदूषण पर दोहे




कुँवर कुसुमेश 

धुआँ उगलती चिमनियाँ,वाहन करते शोर.
समय पूर्व ले जा रहे,मृत्यु द्वार की ओर.

ध्वनि निषिद्ध परिक्षेत्र हैं,कोलाहल से ग्रस्त.
अस्पताल भी हो रहे,आज शोर से त्रस्त.

पैदा करती तीव्र ध्वनि, कई मानसिक रोग.
अतिशय ध्वनि उपकरण का,वर्जित हो उपयोग.

डेसीबल से तीव्रता,ध्वनि की आँकी जाय .
पैंतालिस डेसी० तलक, ध्वनि कानों को भाय.

धूल-धुआँ-ध्वनि आज यदि,निभा रहे हैं साथ.
चलो प्रदूषण से करें,हम भी दो-दो हाथ.
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