Kunwar Kusumesh
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Wednesday, August 27, 2014
जब तक पत्ता डाल पर.............................
जब तक पत्ता डा
ल पर,तब तक है पहचान।
टूटे पत्ते को मिला,केवल कूड़ेदान। ।
-कुँवर कुसुमेश
Tuesday, August 26, 2014
न बिजली है,न पानी है........................
ये कैसी दुर्व्यवस्था है,ये कैसी हुक्मरानी है।
जिधर भी देखिये जाकर न बिजली है,न पानी है।
जो कहता हूँ किसी नेता से जा करके मैं ये बातें,
तो वो कहता है हँस करके यही तो ज़िन्दगानी है।
-कुँवर कुसुमेश
Saturday, August 23, 2014
दोस्ती करना संभल कर.............................
दोस्ती में भी छलावा अब है अक्सर दोस्तों।
छल रहे हैं लोग अक्सर दोस्त बनकर दोस्तों।
आई डी फर्जी बना कर भी चले आते हैं लोग,
फेसबुक पर दोस्ती करना संभल कर दोस्तों।
-कुँवर कुसुमेश
Sunday, August 17, 2014
कन्हैया जन्म लो जल्दी..........................
भरे हैं कंस दुनिया में कन्हैया जन्म लो जल्दी।
यहाँ पग पग पे चीरों के हरैया जन्म लो जल्दी।
है नैतिकता से बढ़ करके रुपैया जन्म लो जल्दी।
मुसीबत में तुम्ही सब के बचैया जन्म लो जल्दी।
-कुँवर कुसुमेश
Tuesday, August 12, 2014
अनुलोम-विलोम.........................
रोज़ सुबह उठकर करे ,जो अनुलोम-विलोम।
उसकी बीमारी सभी,हर लेते हरि ओम। ।
-कुँवर कुसुमेश
Sunday, August 10, 2014
"इबोला"........................
नई बिमारी आ गई,मचा हुआ कुहराम।
दिया डॉकटरों ने इसे,नया"इबोला"नाम।।
नया"इबोला"नाम,चली ये अफ्रीका से।
बारह दिन में सिर्फ
,उठा दे यह दुनिया से।
रहिये बड़े सतर्क,छोड़ कर दुनियादारी।
अब तक नहीं इलाज,ये ऐसी नई बिमारी।।
-कुँवर कुसुमेश
Saturday, August 9, 2014
रक्षाबंधन ........................
कच्चे धागों में बंधा,मजबूती से प्यार।
रक्षाबंधन वाक़ई,है अद्भुत त्यौहार। ।
-कुँवर कुसुमेश
Sunday, August 3, 2014
अनुपम त्यौहार...........................
रक्षा बंधन आ
रहा,सजे हुए बाजार।
भाई-बहनों के लिए,यह अनुपम त्यौहार।।
-कुँवर कुसुमेश
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