Tuesday, November 17, 2015

हर रिश्ता कमज़ोर.......................


पहले तो मजबूत थी,हर रिश्ते की डोर। 
लेकिन अब होने लगा,हर रिश्ता कमज़ोर। 
-कुँवर कुसुमेश

Friday, November 13, 2015

फुलझड़ी के लिए..............



वो मुफ़लिसी में था तैयार ख़ुदकुशी के लिए । 

कि उसका रो रहा बच्चा था फुलझड़ी के लिए। 

बहुत ग़रीब था वो कुछ नहीं खरीद सका ,

बस अपने दिल को जलाया था रौशनी के लिए। 

-कुँवर कुसुमेश