Friday, August 31, 2012

चल रहे हैं लोग जलती आग पर........



कुँवर कुसुमेश 

चल रहे हैं लोग जलती आग पर.
बेसुरे भी लग रहे हैं राग पर.

नज़्म अच्छी या बुरी जैसी भी हो,
वाह,कहने का चलन है ब्लॉग पर.

आदमी पर मत कभी करिये यक़ीं,
आप कर लीजे भरोसा नाग पर.

दुश्मनी का खैरमक़दम हो रहा,
और डाका प्यार पर,अनुराग पर.

भ्रष्ट नेता आज हिन्दुस्तान के,
ख़ुश बहुत दामन के अपने दाग पर.

दूसरों के काम तो आओ कभी,
है 'कुँवर' हमको भरोसा त्याग पर.
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 खैरमक़दम=स्वागत   

Sunday, August 19, 2012

दुनिया ख़ुशी से झूम रही है मना ले ईद



देखा है आसमान पे जबसे हिलाले-ईद.

दुनिया ख़ुशी से झूम रही है मना ले ईद.

दिल को लुभा लिया है मेरे चाँद-रात ने,

आ जा कि रूह रूह में तू भी बसा ले ईद.
                            
                              -कुँवर कुसुमेश 

 हिलाले-ईद.=ईद का चाँद 

Tuesday, August 14, 2012

हम-तुम पीटें ढोल,चलो फिर आज़ादी के.................



कुँवर कुसुमेश 

आज़ादी के हो गये,पूरे पैसठ साल.

इतने वर्षों बाद भी,जनता है बेहाल.

जनता है बेहाल,कमर तोड़े मँहगाई.

नेताओं ने मगर,करी है खूब कमाई.

नेता ज़िम्मेदार,देश की बरबादी के.

हम-तुम पीटें ढोल,चलो फिर आज़ादी के.
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Tuesday, August 7, 2012

उनको थी राजनीति से हरवक्त एलर्जी.............



मैं तो बड़ा निराश हूँ अन्ना की टीम से.
इस दर्जा पलट जायेंगे सोंचा कभी न था.
उनको थी राजनीति से हरवक्त एलर्जी.
उनकी नज़र में काम ये अच्छा कभी न था.
                                     -कुँवर कुसुमेश