Thursday, April 17, 2014




मोदी और केजरी की टक्कर है ऐसा लगता है। 



क्यों भाई,ये तो बतलाओ तुमको कैसा लगता है?



कांग्रेस की हालत अबकी बेहद पतली लगती है ,



मंहगाई ने ध्वस्त कर दिया इनको ऐसा लगता है। 


-कुँवर कुसुमेश

Thursday, April 10, 2014

क्या वोट कि खातिर ये कहना ठीक है ?



रंजो-ग़म यारों किसी हद तक ही सहना ठीक है। 

और नेताओं को अपने हद में रहना ठीक है। 

उनकी ये ख़्वाहिश है कि रैपिस्ट को फाँसी न हो,

ऐ खुदा, क्या वोट कि खातिर ये कहना ठीक है  ?

-कुँवर कुसुमेश 

Tuesday, April 8, 2014

इम्दाद लो पेड़ों से



गर्मी में अगर बचना है लू के थपेड़ों से,

दौराने-सफ़र रुक कर इम्दाद लो पेड़ों से। 


कुँवर कुसुमेश