Saturday, April 25, 2015

ज़लज़ला


मतलबी इंसान है मतलब में अपनी मुब्तला। 
बारहा पर्यावरण को चोट पहुँचता चला।। 
इसमें क़ुदरत का ज़रा भी दोष हो ऐसा नहीं,
आदमी की भूल का परिणाम है ये ज़लज़ला।। 
-कुँवर कुसुमेश 

Tuesday, April 14, 2015

बरबाद फसलें.........................


कई दिन से जारी लगातार बारिश। 
ये गर्मी के मौसम में खूंखार बारिश। 
हुई जा रही अबकी  बरबाद  फसलें,
अजी कब रुकेगी धुआँधार बारिश।। 
-कुँवर कुसुमेश