Sunday, August 14, 2011


आज़ादी की वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई 
(कुण्डली) 
कुँवर कुसुमेश

आज़ादी के हो गए ,पूरे चौसठ साल.

लेकिन पैदा हो रहे ,अब भी बड़े सवाल.

अब भी बड़े सवाल,कमर तोड़े मंहगाई.

उफ़ ये भ्रस्टाचार,दूर कैसे हो भाई ?

अन्ना का अभियान,चला तो अलख जगा दी.

जनता की है चाह, मिले सच्ची आज़ादी.
 *****

64 comments:

  1. Nice post .
    आपकी यह रचना देखी जा रही है ब्लॉगर्स मीट वीकली में .
    हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार को
    ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
    बेहतर है कि ब्लॉगर्स मीट ब्लॉग पर आयोजित हुआ करे ताकि सारी दुनिया के कोने कोने से ब्लॉगर्स एक मंच पर जमा हो सकें और विश्व को सही दिशा देने के लिए अपने विचार आपस में साझा कर सकें।

    ReplyDelete
  2. स्वतंत्रता पर सवाल उठाती कविता....बहुत बढ़िया...

    ReplyDelete
  3. यथार्थ प्रस्तुति!! बेहद जानदार कुण्ड़ली

    ReplyDelete
  4. जनता की है चाह, मिले सच्ची आज़ादी.

    बहुत सही लिखा है आपने...
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  5. अन्ना के तो पीछे पड़ गयी है सरकार ... आज सवाल उठ रहे हैं की यह कैसी आज़ादी है ... इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या होगा ?

    ReplyDelete
  6. आस्था और विश्वास से ओतप्रोत सुन्दर रचना !

    आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  7. स्वतंत्रता दिवस पर सार्थक और विचारोत्तेजक प्रस्तुति।

    ReplyDelete
  8. आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा दिनांक 15-08-2011 को चर्चा मंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर भी होगी। सूचनार्थ

    ReplyDelete
  9. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ..जय हिंद

    ReplyDelete
  10. जनता की है चाह, मिले सच्ची आज़ादी .....
    स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

    ReplyDelete
  11. स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  12. 'आज' पर सटीक टिप्पणी. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  13. सार्थक पोस्ट... जय हिंद....

    ReplyDelete
  14. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    HAPPY INDEPENDENCE DAY!

    ReplyDelete
  15. स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।

    ReplyDelete
  16. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  17. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  18. रचना हमेशा की तरह आपके सुन्दर मन क प्रतिबिम्ब है.

    पर अन्ना, इस देश के भ्रष्टाचार का कोई उपाय नही है.
    हाँ भ्रष्टाचार कुछ कम जरूर होगा उपर के स्तर पर कम होगा तो नीचे भी कम होगा.
    पर मूल से भ्रष्टाचार के विनश के लिये जरूरी है हमारा जागना और अपने भीतर के भ्रष्ट+आचार+विचार को रोकना.

    ReplyDelete
  19. saamyik avam sundar rachna...!saamyik avam sundar rachna...!

    ReplyDelete
  20. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां

    ReplyDelete
  21. देश -प्रेम का चिंतन और प्रेम ,दोनों को सम्मान , ६५ वीं
    वर्ष - गांठ पर स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें /

    ReplyDelete
  22. कुंवर साहब बहुत अच्छी रचना है...स्वतंत्र दिवस की बधाई..

    नीरज

    ReplyDelete
  23. सच्ची आजादी की चाह सभी को है।
    सुंदर रचना।
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  24. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  25. सुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति
    , स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  26. आप ने बिलकुल सही लिखा है |
    मैं तो ऐसे लिखूंगा ;-
    हिंद के सर-परस्त, जब हो पंद्रह-अगस्त |
    झूठे वादों से, जनता करें आश्वस्त ||

    ReplyDelete
  27. सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    ReplyDelete
  28. स्वाधीनता दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें ! बहुत ही सार्थक रचना ! इसमें कोई संदेह नहीं आम आज भी परवशता की अनेकों बेड़ियों में जकडा हुआ है और उनसे स्वतंत्र होने की कोशिश में जुटा हुआ है ! सच्ची आज़ादी भारत को तभी मिलेगी जब आम आदमी के चहरे पर मुस्कराहट होगी, दिल में सुकून होगा और जीवन में निश्चिन्तता ! सुन्दर रचना के लिये बधाई !

    ReplyDelete
  29. sahi hai Bauji... ekdam satya...
    ab sabhi ko sacchi azaadi hi chahiye...

    ReplyDelete
  30. चलिए अन्ना प्रकाश तो तेज कर रहे है ! भ्रष्टाचार भी एक दिन भगेगी !स्वतंत्रता दिवस की बधाई !

    ReplyDelete
  31. सार्थक प्रस्तुति... आभार... स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
    सादर,
    डोरोथी.

    ReplyDelete
  32. वाह बेहतरीन !!!!
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं….!

    ReplyDelete
  33. thhode me hi sab kuchh kah diya...aahwan deti prabhaavshali post.

    ReplyDelete
  34. ये इंतज़ार कब ख़त्म होगा...

    ReplyDelete
  35. जनता की है चाह, मिले सच्ची आज़ादी....

    जन जन के भाव अभिव्यक्त कर दिए आपने इस सशक्त कुंडली छंद के माध्यम से.....आपका आभार...
    राष्ट्र पर्व की हार्दिक बधाईयां...

    ReplyDelete
  36. सुन्दर कविता.
    आज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.

    ReplyDelete
  37. वो सच्ची आज़ादी ....जिसकी सब कल्पना करते है ...क्या वो आज तक मिल पाई ?
    क्या कभी मिल पायेगी ?

    ReplyDelete
  38. आज़ादी के हो गए ,पूरे चौसठ साल.

    लेकिन पैदा हो रहे ,अब भी बड़े सवाल.

    अब भी बड़े सवाल,कमर तोड़े मंहगाई.

    उफ़ ये भ्रस्टाचार,दूर कैसे हो भाई ?

    सुन्दर भावाभिव्यक्ति...

    आप से निवेदन है इस लेख पर आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दे!

    तुम मुझे गाय दो, मैं तुम्हे भारत दूंगा

    ReplyDelete
  39. एक लाजवाब प्रस्तुति.
    समझ नहीं आता की ये जो पर्व हम मानते हैं उसे उसे क्या नाम दें.हम तो पहले भी पराधीन थे आज भी हैं. ये बात और है की पहले विदेशियों के हाथ और अब स्वदेशियों के हाथ की कठ पुतली हो गए हैं
    सादर
    रचना

    ReplyDelete
  40. बेहद सटीक एवं सार्थक अभिव्‍यक्ति ...आभार ।

    ReplyDelete
  41. sir mai aap ki rachna bahut din ke baad pad raha hoon kyonki mai admisson me byast ho gaya tha achhi kavit yatharth ki prastuti

    ReplyDelete
  42. aaj ke smy pr sahi sawal uthati rachna
    saader
    rachana

    ReplyDelete
  43. Happy independence day !!
    though stimulating lines.

    ReplyDelete
  44. yatharth ko bataati hui saarthak post.bahut bahut badhaai aapko.

    ReplyDelete
  45. आइये हम सब अन्ना के संघर्ष में अपना सर्वोत्तम सहयोग दें |

    ReplyDelete
  46. आस्था और विश्वास से ओतप्रोत सुन्दर रचना ........

    ReplyDelete
  47. सम-सामयिक विषय पर सशक्त कुंडली.

    ReplyDelete
  48. स्वतंत्रता दिवस पर सही सटीक सवालों को उठाया है आपने ... पीछे देखना पढ़ेगा हमें कहाँ गलती रह गयी ...

    ReplyDelete
  49. आज के समय उठे सवालों को इंगित करती बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति..

    ReplyDelete
  50. aadarniy sir
    bahut hi yatharth v steek baat kahi hai aapne apni is chhoti si rachna ke madhyam se .ise hi kahte hain ki aapne to gagar me sagar bahr diya
    .bahut hi badhiya prastyti aaj ki haqikat
    bahut bahut badhai
    naman
    poonam

    ReplyDelete
  51. बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  52. तमाम उम्र चले हम अब तक घर नही आया

    चौसठ साल हो गये हिंदूस्तान नजर नही आया

    ReplyDelete
  53. सुन्दर सार्थक प्रस्तुति के लिए आभार.
    देरी से आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ.
    अन्ना हजारे आज जन जन की प्रेरणा
    का स्रोत बन गए है.

    जन्माष्टमी के पावन पर्व पर आपको हार्दिक
    शुभकामनाएँ.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
    भक्ति-शिवलिंग पर अपने सुविचार प्रस्तुत कीजियेगा.

    ReplyDelete
  54. अन्ना हजारे के अच्छे स्वास्थ्य की भगवान से प्रार्थना करता हूँ.
    उम्मीद करता हूँ उनका अनशन सफलता जरूर दिलाएगा.

    ReplyDelete
  55. Bahut sundar samsamayik rachna kushumesh Sahab... Aabhar..

    ReplyDelete