Thursday, October 16, 2014

हुदहुद के तेवर................................



लग रहा हुदहुद के तेवर कुछ तो ढीले पड़ गए। 

थी अकड़ जिसमें बहुत वो भी लचीले पड़ गए। 

आज थोड़ी गुनगुनी-सी धूप आयी है नज़र,

चेहरा-ए हुदहुद के देखो रंग पीले पड़ गए।।

-कुँवर कुसुमेश

3 comments:

  1. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (17.10.2014) को "नारी-शक्ति" (चर्चा अंक-1769)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।

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  2. हुदहुद रंग तरह कुछ पार्टी के रंग भी पीले पद गए है !
    इश्क उसने किया .....

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