Kunwar Kusumesh
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Tuesday, March 31, 2015
अजीब चीज़ बनाई है व्हाट्स अप...............
हर आदमी मोबाइल की माला रहा है जप।
घर के ज़रूरी काम भी होने लगे हैं ठप।।
कैसे सुबह से शाम हुई कुछ पता नहीं,
ऐसी अजीब चीज़ बनाई है व्हाट्स अप।।
-कुँवर कुसुमेश
Monday, March 16, 2015
वाट्स ऐप-युग
मिनटों में हो
वाइरल,मन की हर इक बात।
वाट्स ऐप-युग में मिली,सबको ये सौगात।।
-कुँवर कुसुमेश
Saturday, March 14, 2015
जाड़ा कब तक है.........................
आधा मार्च खत्म है फिर भी ठंडक है।
अब कहना मुश्किल है जाड़ा कब तक है।।
लेकिन अबकी फूल खिले हैं अति सुन्दर,
अबकी हरियाली तो यार चकाचक है।।
-कुँवर कुसुमेश
Thursday, March 5, 2015
कानपुर की पत्रिका "हमारा शहर" मार्च 2015 अंक में प्रकाशित "होली" पर मेरे दोहे
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