Wednesday, November 19, 2014

गेहूं के जवारे से..................................


डरना न कभी यारो किस्मत के सितारे से। 

मरता नहीं है कोई तक़दीर के मारे से।। 

सेहत बनेगी फिर से बीमारे-कैंसर की,।

ताकत मिलेगी इतनी गेहूं के जवारे से।। 

-कुँवर कुसुमेश 

एक गुज़ारिश.....................


जब भी जाड़ों में बाहर चला कीजिये,
कुछ पुराने-से कपड़े रखा कीजिये।
ठण्ड से कंपकांपता जो कोई दिखे,
प्लीज,उसको ये कपड़े दिया कीजिये।
-कुँवर कुसुमेश 

Tuesday, November 18, 2014

लखनऊ सबसे है ठंडा..............


लोग सड़कों के किनारे। 
ओस में सोते बेचारे।। 
लखनऊ सबसे है ठंडा,
कह रहे अखबार सारे।। 
-कुँवर कुसुमेश

Thursday, October 30, 2014

काला धन पे शोर शराबा है बहुत.................



वो भी अमृत-सा नज़र आयेगा जो विष होगा। 

हरिक जिरह पे कभी दैट कभी दिस होगा। 

मसला-ए-काला धन पे शोर शराबा है बहुत,

अन्त में देखना सब टाँय टाँय फिश होगा। 

-कुँवर कुसुमेश

Saturday, October 25, 2014

मेरे दोहे ..............................

शब्द प्रवाह साहित्य मंच,उज्जैन की पत्रिका "शब्द प्रवाह" के वार्षिक काव्य विशेषांक,अंक 22-23 में पृष्ठ 56 पर प्रकाशित मेरे दोहे :-


-कुँवर कुसुमेश

Wednesday, October 22, 2014

रौशनी घर घर बहुत है..............................


दीपावली की मुबारकबाद के साथ एक ताज़ा ग़ज़ल 

-कुँवर कुसुमेश 

यक़ीनन रौशनी घर घर बहुत है। 
उजालों में भी हाँ, तेवर बहुत है। 

अँधेरा दूर करना है तो झांको,
अँधेरा आपके अंदर बहुत है। 

बुराई से निपटने के लिए तो,
अकेला प्रेम का अक्षर बहुत है।

तुम्हें विश्वास हो अथवा नहीं हो, 
ये दुनिया वाक़ई सुन्दर बहुत है। 

भटकने लग गया है दिल तुम्हारा,
ये दिल लगता है यायावर बहुत है। 

"कुँवर" मक्ते पे आ करके तो ठहरो,
कि तुमने कह दिया खुलकर बहुत है। 
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शब्दार्थ:-यायावर-भटकने वाला,

अर्कान : मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन फ़ऊलुन 
वज़्न :     I S S S    I S S S    I S S 
नमूना बहर : तुम्हें अपना बनाना चाहता हूँ 
बहर का नाम:बहरे-हज़ज मुसद्दस महज़ूफ़ 

Monday, October 20, 2014

शामियाना........................


बदायूँ (उ.प्र.) से प्रकाशित 240 पृष्ठ का ताज़ा तरीन,काव्य संग्रह,"शामियाना" में पृष्ठ-107 पर मेरी ग़ज़ल। 


इसके संपादक श्री अशोक खुराना जी शामियाना की बुक सीरीज़ प्रकाशित कर रहे हैं। शामियाना शीर्षक पर सैकड़ों रचनायें हर अंक में होना ही इसकी विशेषता है।