Thursday, November 10, 2011

मुश्किलों से निजात मुश्किल है




कुँवर कुसुमेश 

मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
खूबसूरत हयात मुश्किल है.

कितनी शोरिश-पसंद है यारब,
वक़्त की काइनात मुश्किल है.

जिस तरफ भी नज़र उठी देखा,
बारहा हादसात मुश्किल है.

मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

रोज़ उठने लगा है गिर गिर कर,
पर्दा-ए-वाक़यात मुश्किल है.

अर्श वाला भी अब नहीं सुनता,
ये 'कुँवर' एक बात मुश्किल है.
*****
शोरिश-पसंद=उपद्रव करने वाला. 
बारहा=अक्सर.
पर्दा-ए-वाक़यात=घटनाओं से पर्दा.

80 comments:

  1. is ghazal ki na karen tareef ye baat mushkil hai
    vaah ..vaah behtreen ghazal.

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  2. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    dil ko chhuti gazal

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  3. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    गजब का शेर , मुबारक हो

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  4. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.
    खूबसूरत मतला, सुंदर गजल

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  5. रोज़ उठने लगा है गिर गिर कर,
    पर्दा-ए-वाक़यात मुश्किल है.

    umdaa...bahut khub

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  6. बढ़िया ग़ज़ल कही है कुसुमेश जी.
    मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    यह शे'र बहुत अच्छा लगा.

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  7. सुंदर गजल
    सारे ही शेर बेहतरीन है
    हर शेर पर दाद कबूल कीजिये

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  8. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

    रात हमेशा मुश्किल होती है, जब तक अंधेरी है। पर मुंह चिढ़ाते रात वाला प्रयोग बड़ा नया और उम्दा लगा।
    इस ग़ज़ल में आपने बिल्‍कुल नए सोच और नए सवालों के साथ समाज की मौजूदा जटिलताओं को उजागर किया है ।

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  9. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

    हमेशा कि तरह एक बेहतरीन गज़ल. आभार

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  10. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.
    bilkul sahi bayaan kiya hai. bahut achchhi gazal.

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  11. ना अर्श वाला सुनता है...ना फर्श वाला...हालत वाकई मुश्किल हैं...और उसपर भी खूबसूरत शेर...लाज़वाब...

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  12. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

    बहुत खूबसूरत गज़ल है कुसुमेश जी ! बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !

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  13. मुस्कुराती सुबह से ताकतवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

    गहन चिंतन से उपजी ग़ज़ल।

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  14. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.

    कितनी शोरिश-पसंद है यारब,
    वक़्त की काइनात मुश्किल है.
    Behad sundar panktiyan!

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  15. सारे ही शेर बेहतरीन है.....बहुत सुंदर प्रस्तुति....

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  16. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    क्या बात है! बहुत सुन्दर ग़ज़ल है कुसुमेश जी.

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  17. अर्श वाला भी अब नहीं सुनता,
    ये 'कुँवर' एक बात मुश्किल है.


    ना अर्श वाला सुनता है...ना फर्श वाला...हालत वाकई मुश्किल हैं...और उसपर भी खूबसूरत शेर...लाज़वाब...

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  18. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.

    ज़िंदगी की सच्चाइयों का निचोड़ है इस अकेले शेर में ,,
    बहुत ख़ूब !!

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  19. आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा दिनांक 11-11-2011 को शुक्रवारीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  20. अर्श वाला भी अब नहीं सुनता,
    ये 'कुँवर' एक बात मुश्किल है.

    सौ मुश्किलों की एक मुश्किल और अस्ल मुश्किल तो यही है।
    इंसान को चाहिए कि वह अपने बुरे आमाल से तौबा करे।
    तौबा करने वाले फ़रमांबरदारों की वह रब ज़रूर सुनता है।

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  21. पूरी गज़ल ही गज़ब की है ... हर शेर एक से बढ़ कर एक ..

    जिस तरफ भी नज़र उठी देखा,
    बारहा हादसात मुश्किल है.

    मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    बहुत खूब

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  22. वाह!! बहुत खूब!!

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  23. मुश्किलों से निजात मुश्किल है
    खूबसूरत हयात मुश्किल है

    khoobsurat matle se hoti huee
    gazal apne maqaam ko
    haasil kar gaee hai .
    mubarakbaad .

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  24. गज़ल का हर नुक्ता,काबिले-तारीफ़

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  25. वाह वाह वाह!!
    बहुत ही उम्दा गज़ल सर,
    आनंद आ गया....
    सादर बधाई....

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  26. बहुत ही उम्दा गज़ल सर
    प्यारभरी सुन्दर प्रस्तुति..

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  27. मुस्कुराती सुबह से ताकतवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है

    aasani se kaha kadwa sach

    abhaar

    Naaz

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  28. जिस तरफ भी नज़र उठी देखा,
    बारहा हादसात मुश्किल है.
    मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है..
    वाह! वाह! क्या बात है! ख़ूबसूरत शेर! शानदार ग़ज़ल लिखा है आपने!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  29. वाह ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  30. लाजवाब ग़ज़ल.... बहुत सुन्दर

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  31. बेहद शानदार गज़ल!!

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  32. उम्दा गजल की तारीफ़ स्वीकार करें..

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  33. वाह: बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल....शानदार प्रस्तुति..बधाई..

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  34. आपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ । पोस्ट रोचक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।

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  35. जिस तरफ भी नज़र उठी देखा,
    बारहा हादसात मुश्किल है

    behtareen sher....umda gazal

    pratiksha hai..

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  36. बढ़िया अश्आरों के साथ उम्दा ग़ज़ल प्रस्तुत की है आपने!
    --
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी की जा रही है! सूचनार्थ!

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  37. उर्दू के शब्द बहुत मुश्किल,
    कोई शक नहीं गजल मस्त है :)

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  38. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

    शानदार प्रस्तुति........!

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  39. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    वाह!

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  40. सुंदर गजल...
    सारे शेर बेहतरीन है ...

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  41. Very true! Each 'SHER' is very impressive!

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  42. Kunwar ji! Congratulations on writing such a nice Ghazal!

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  43. प्यारी रचना....
    आभार आपका !

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  44. Kunwar Ji !!! Heart Touching... Poetry
    मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है. on Every Line

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  45. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है...
    बहुत ही लाजवाब, शानदार ग़ज़ल....

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  46. बहुत खूब! ग़ज़ल का मतला जीवन की तल्ख़ हकीकत को बयां करता है.पूरी ग़ज़ल लाजवाब है. बधाई!

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  47. बहुत उम्दा अशार,बेहतरीन ग़ज़ल !
    मक्ता बहुत ही अच्छा लगा ।

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  48. "मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है."

    बेहतरीन! मुश्किलों से निज़ात कहाँ कुँवर साहब ये तो हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं ! जो जूझा नहीं वो क्या जिया?

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  49. aadarniy sir
    badi pasho -pesh me hun kis ki tarrif karun.sabhi lajwab ek se badh kar ek.
    WAH-WAH
    sadar naman
    han! ye panktiyan bahut bahut hi achhi lagi----

    मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    punah naman ke saath
    poonam

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  50. बहुत सुंदर
    कम ही ऐसी रचनाएं पढने को मिलती हैं

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  51. हर शेर आज के हालात का चस्मदीद गवाह है !
    इस शेर का तो जवाब नहीं
    मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.
    मुबारक हो कुसुमेश जी !

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  52. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

    bahut sunder or sahi likhe haen ye she'r..waah !

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  53. अर्श वाला भी अब नहीं सुनता,
    ये 'कुँवर' एक बात मुश्किल है...

    वाह क्या लाजवाब शेर है ... ऊपर वाला भी न सुने तो मुश्किल तो होनी ही है ...

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  54. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.

    Vah!


    आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई! इसलिए आपको बधाई और शुभकामनाएं!
    " मुद्दों पर आधारित स्वस्थ बहस के लिए हमारे ब्लॉग
    http://tv100news4u.blogspot.com/
    पर आपका स्वागत है!

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  55. इस उमर में तो हुनर मालूम होना चाहिए
    चुटकियों में कैसे होते,काम जो मुश्किल हैं!

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  56. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है.

    शानदार प्रस्तुति...

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  57. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.

    इन दो लाइनों में जिंदगी का पूरा फलसफा आ गया.

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  58. मेरे नए पोस्ट भोजपुरी भाषा का शेक्शपीयर- भिखारी ठाकुर पर आपका इंतजार करूंगा । धन्यवाद

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  59. जिस तरफ भी नज़र उठी देखा,
    बारहा हादसात मुश्किल है.
    bahut khoob zanaab .

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  60. very nice..
    some words I cudnt understand But over all I wht I felt was very close to reality... hurdles in life are actually part of thrill...
    but "Mushkilon ko asaan karna hi ek sabse badi mushki hai"

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  61. आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई बेहतरीन गजल,...
    मेरे नए पोस्ट पर स्वागत है.....

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  62. simply beautiful..
    its going straight to my fb wall !!

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  63. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है

    BEHTAREEN SHER....UMDA GAZAL.

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  64. अर्श वाला भी अब नहीं सुनता,|
    ये 'कुँवर' एक बात मुश्किल है|| bahut hi theek likha hai aapne. wah.wah

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  65. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.

    बढ़िया गज़ल

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  66. गजब की प्रस्तुति है आपकी.
    पढकर मन प्रसन्न हो गया है.

    समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

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  67. बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  68. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.
    खुबशुरत गजल ,आईना है आपके विचारों का ...../

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  69. बहुत खूब......अब तक जितना पढ़ा..पसंद आया.
    nice blog sir.
    and thanks for liking my poem.

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  70. मुस्कुराती सुबह से ताक़तवर,
    मुँह चिढ़ाती ये रात मुश्किल है
    सच कहा है । सुबह हो सत्य हो या सरल हो; रात , झूट और टेढा पन मुंह ही चिढा रहे है ।

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  71. अर्श वाला भी अब नहीं सुनता,
    ये 'कुँवर' एक बात मुश्किल है.

    bahut kuchh mushkil hai sir...

    lekin aapke liye kisi bhi topic par likhna mushkil nahi hai....:)

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  72. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.

    कितनी शोरिश-पसंद है यारब,
    वक़्त की काइनात मुश्किल है.
    bahut khas Gazal .. vakai apne maksad me kamyab... abhar .Ap mere blog tk ayye eske liye koti koti abhar .

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  73. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.

    कितनी शोरिश-पसंद है यारब,
    वक़्त की काइनात मुश्किल है.

    sach hee to kaha hai aap ne - Life is not easy !! Beautiful thoughts enclosing the bitter realities of life..

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  74. मुश्किलों से निजात मुश्किल है.
    खूबसूरत हयात मुश्किल है.
    वाह...बहुत खूब ।

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