बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (10-11-2013) को सत्यमेव जयते’" (चर्चामंच : चर्चा अंक : 1425) पर भी होगी! -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सटीक छंद ... अब चिट्ठियों की महक कहां रही ...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीय
इ-मेल भी अब तो ज़्यादातर फ़ॉर्वर्डेड आते हैं...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (10-11-2013) को सत्यमेव जयते’" (चर्चामंच : चर्चा अंक : 1425) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
WAAH KYA BAAT HAI BACHAPAN KI YAAD AA GAI
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteसुन्दर छंदों में सटीक बात
ReplyDeleteनई पोस्ट काम अधुरा है
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteसुंदर रचना , बधाई आपको ।
ReplyDeleteसही बात........
ReplyDeleteवाह वाह
ReplyDeleteबहुत खूब
बहुत खूब !खूबसूरत रचना,। सुन्दर एहसास .
ReplyDeleteशुभकामनाएं.