न बच कर निकल पाओगे इस गली से
कुँवर कुसुमेश
अजब रंग रंगों में है रंगे-होली,
की बूढ़े-जवां कर रहे हैं ठिठोली.
न बच कर निकल पाओगे इस गली से,
जो कल तक थी शर्मा रही आज बोली.
लिबासों में होते हुए बरहना है,
ग़नीमत है ये,कोई नीयत न डोली.
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
मुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
बड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
गुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
हम अहले-वतन एक हैं एक रह कर,
मानते रहेंगे 'कुँवर' ईद-होली.
*****
बरहना-निर्वस्त्र, अहले वतन-वतन वाले
holi ki rango se sarovar hai rachna
ReplyDeleteबड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
आपकी इस गजल में जीवन के सभी रंग दिखाई दे रहे हैं ....समरसता के भाव से रची गयी इस रचना की प्रासंगिकता आज के वातावरण में अपनी सार्थकता को सिद्ध करती है ...आपका आभार इस सुंदर रचना के लिए
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteब्लागराग : क्या मैं खुश हो सकता हूँ ?
nice poetry ... happy holi.
ReplyDeleteहोली तो खुशियों का त्यौहार है । प्रेम और स्नेह बांटने का त्यौहार है । उमंग और उल्लास से सराबोर होली मुबारक हो आपको।
ReplyDeleteबड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली
hamesha ki tarah laajwaab rahi aapki shayari..
holi ki anekon badhaiyaan..!
rangon se bachker kyun jana ... holi ki shubhkamnayen
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है सर! आपने.
ReplyDeleteसादर
बड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
वाह,वाह,वाह क्या अच्छा शेर कहा है आपने कुसुमेश जी !
पूरी ग़ज़ल होली के गुलाल में नहाकर खूबसूरत लग रही है !
होली की अग्रिम बधाई !
आभार !
@ न बच पर
ReplyDeleteअगर यह टंकण दोशः है तो कृपया इसे ठीक कर लें।
रंगात्मक रचना के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद सर
ReplyDeleteऔर होली कि बहुत - बहुत शुभकामना
आदरणीय कुसुमेश जी
ReplyDeleteनमस्कार !
......बहुत सुन्दर आनंद आ गया...
होली की बहुत बहुत बहुत बहुत शुभकामनाएं
ReplyDeleteबड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं। ग़िले शिकवे भूल कर दोस्तों दुश्मन भी गले मिल जाते हैं। भाई-चारा, प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक होली पर्व के मर्म को बखूबी समेटे यह ग़ज़ल उत्कृष्ट है।
हार्दिक शुभकामनाएं --- होली पर्व की।
@ दोशः
ReplyDelete= दोष
आ गई होली...
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया है...
सच लगता है जैसे बाहर कोई रंग ही खेल रहा हो...
भावमयी प्रस्तुति। होली की हार्दिक शुभकामनाएॅ।
ReplyDeleteमुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
बड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
गुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
मासूम सा बोध देती रचना!!
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
कुंवर जी वाह...होली के मुबारक अवसर पर बेहद खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने...दिली दाद कबूल करें...
नीरज
जबरदस्त ...आप को हमेश ही पढ़ता हूँ...पर समयाभाव ...टिपण्णी नहीं दे पता ..ड्यूटी ही ऐसा है ! आप और आप के परिवार को होली की शुभ कामनाये !.जरुर पढ़े...पत्नी का अपहरण... और अपने राय बताये ?
ReplyDeleteहोली की एक बेहद खूबसूरत गज़ल्………रंगो मे सराबोर्………होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteहोली पर बेहतरीन ग़ज़ल...
ReplyDeleteबड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
गुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली......
इस शेर में जीवन दर्शन छुपा है.. गर ऐसा हो जाये तो होली की सार्थकता बढ़ जाये..होली की हार्दिक शुभकामनायें।
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.....
बहुत सुन्दर ....
बेहतरीन ग़ज़ल...
हर शे‘र में आपका निराला अंदाज झलक रहा है।
होली की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत सुन्दर ....
ReplyDeleteहोली पर बेहतरीन ग़ज़ल...
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
क्या बात है कुंवर जी । आपकी बात निराली है ।
ReplyDeleteहोली का मजा दूना । आपको होली की शुभकामनायें ।
न बच कर निकल पाओगे इस गली से,
ReplyDeleteजो कल तक थी शर्मा रही आज बोली.
.
भाई आप कि गली से बच के निकालना इत भी आसान नहीं. आप लिखते ही गज़ब का हैं.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ आप सभी को.
"मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली."
"
जिंदगी कुछ इस तरह रंगीन हो जाती है होली में..
कोई शिकवा,गिला,नफरत न रहे इस बार होली में...!!
होली मुबारक !!!!
हम अहले-वतन एक हैं एक रह कर,
ReplyDeleteमानते रहेंगे 'कुँवर' ईद-होली.
बहुत सुन्दर…होली पर बेहतरीन रचना..
होली की हार्दिक शुभकामनायें..........
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
होली के अवसर पर बेहतरीन प्रस्तुति ।
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
बहुत खूबसूरत गज़ल ...सन्देश देती हुई ...होली की शुभकामनायें
"लिबासों में होते हुए बरहना है
ReplyDeleteगनीमत है ये,कोई नीयत न डोली "
वाह कुसुमेश जी ! कितने सलीके से कह गए ......अति सुन्दर
bahut sunder gajal hai...
ReplyDeleteholi ki shubhkamnaye........
जीवन के बहुत सारे रंगो से सराबोर है ये होली ।
ReplyDeleteआपको हओली की बहुत बहुत शुभकामनाये
कुंवर जी..
ReplyDeleteहोली की अग्रिम बधाई स्वीकारें
आप सभी को होली की शुभकामनायें..
शुभ होली
आप सब को होली की हार्दिक मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteबड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
बहुत सार्थक भाव...होली के अवसर पर लाज़वाब गज़ल..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
हम अहले-वतन एक हैं एक रह कर,
ReplyDeleteमानते रहेंगे 'कुँवर' ईद-होली.
काश यूं ही प्रेम भाव से होली मनाते रहें....
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं....
हैप्पी होली जी ... हैप्पी होली !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना !
प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक होली पर्व के मर्म को बखूबी समेटे यह ग़ज़ल उत्कृष्ट है। धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ....
ReplyDeleteहोली पर बेहतरीन ग़ज़ल...
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
हम अहले-वतन एक हैं एक रह कर,
ReplyDeleteमानते रहेंगे 'कुँवर' ईद-होली.
बहुत सुंदर होली ग़ज़ल
आप सभी होली की हार्दिक शुभकामनाये
ब्लॉग पर अनियमितता होने के कारण आप से माफ़ी चाहता हूँ
बड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी,
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली।
बहुत सुंदर,
होली के रंग से भीगी इस ग़ज़ल का सबसे खू़बसूरत शेर है यह, आध्यात्मिकता का रंग है इसमें।
शानदार ग़ज़ल।
होली की अशेष शुभकामनाएं।
Bahut sundar.
ReplyDeleteWaise ye kis gali ke baare men bataaya aapne? :)
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ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का विनम्र प्रयास।
हम अहले-वतन एक हैं एक रह कर,
ReplyDeleteमानते रहेंगे 'कुँवर' ईद-होली
bahut sunder
holi mubarik
aapki phir ek shandar rachna
ReplyDeleteबड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
होली के रंग से भीगी खू़बसूरत ग़ज़ल ......शुभकामनाएं..
सुन्दर गजल रची है आपने!
ReplyDeleteहोली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
--
वतन में अमन की, जागर जगाने की जरूरत है,
जहाँ में प्यार का सागर, बहाने की जरूरत है।
मिलन मोहताज कब है, ईद, होली और क्रिसमस का-
दिलों में प्रीत की गागर, सजाने की जरूरत है।।
बड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
यूँ तो सारे शेर जबरदस्त है. लेकिन यह तो होली के त्यौहार को सबसे सुंदर तरीके से परिभाषित करता है. बहुत उम्दा गज़ल.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत हसीन ओर चंचल हे यह होली तो:) धन्यवाद
ReplyDeleteलिबासों में होते हुए बरहना है,
ReplyDeleteग़नीमत है ये,कोई नीयत न डोली.
वाह! क्या खूबसूरत गजल कही है आपने !. ..........
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
न बच कर निकल पाओगे इस गली से,
ReplyDeleteजो कल तक थी शर्मा रही आज बोली
बहुत उम्दा.
आप को होली की शुभ कामनाएं.
बड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
गुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली
बहुत खूब.
bahut sunder rachna
ReplyDeleteaapko holi ki shubkamnaye..
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeletebahut aacha likha apne.......really very good...
ReplyDeletebhut sunadar..sir.... Happy happy holi to you and your Family.......................................:-)
ReplyDeleteआपको होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteholi par bahut achhi post
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
ye lines bahut achhi lagi........
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteसादर
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
waah bahut khoob ,aapko rang-parv ki badhai .
bahut khubsurat rachna
ReplyDeleteहोली वही जो स्वाधीनता की आन बन जाये
होली वही जो गणतंत्रता की शान बन जाये
भरो पिचकारियों में पानी ऐसे तीन रंगों का
जो कपड़ो पर गिरे तो हिंदुस्तान बन जाये
होली की हार्दिक शुभकामनाये
इस खूबसूरत रचना पर तो होली के रंगों की तरह रंग-बिरंगी टिप्पणियों की बौछार हो रही है . मेरी ओर से भी रंगीन शुभकामनाएं .
ReplyDeleteन बच कर निकल पाओगे इस गली से,
ReplyDeleteजो कल तक थी शर्मा रही आज बोली.
क्या बात है कुसुमेश भाई आनंद आ गया ! यह सरल भाव दिल को छू गए !
होली की शुभकामनायें स्वीकार करें !!
हम अहले-वतन एक हैं एक रह कर,
ReplyDeleteमानते रहेंगे 'कुँवर' ईद-होली.
Behad sundar bhaav!
Holee kee dheron shubhkamnayen!
आपको भी होली की रंगभरी शुभकामनाएं |
ReplyDeleteआपको भी होली की शुभकामनाएं |
ReplyDeleteरंग उडाये पिचकारी
ReplyDeleteरंग से रंग जाये दुनिया सारी
होली के रंग
आपके जीवन को रंग दे,
ये शुभकामनाये है हमारी.....
regards
मुबारक उसे जश्ने-होली हो जिसने,
ReplyDeleteमुहब्बत के रंगों में रूहें डुबोली.
बहुत सुन्दर असली होली तो यही है। आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।
आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।
ReplyDeleteहोली की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं...
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता ! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत ही सुंदर नज्में . ....होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें।
http://rimjhim2010.blogspot.com/2011/03/blog-post_19.html
बहुत बढिया ...
ReplyDeleteहोली शुभ हो ....
आपको होली की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteप्रहलाद की भावना अपनाएँ
एक मालिक के गुण गाएँ
उसी को अपना शीश नवाएँ
मौसम बदलने पर होली की ख़शियों की मुबारकबाद
सभी को .
प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
ReplyDelete===================
"हर तरफ फागुनी कलेवर हैं।
फूल धरती के नए जेवर हैं॥
कोई कहता है, बाबा बाबा हैं-
कोई कहता है बाबा देवर है॥"
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क्या फागुन की फगुनाई है।
डाली - डाली बौराई है॥
हर ओर सृष्टि मादकता की-
कर रही मुफ़्त सप्लाई है॥
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होली के अवसर पर हार्दिक मंगलकामनाएं।
सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
"इस होली में सदभावना के रंग मिला कर रंग देना हर गाल,
ReplyDeleteना वैर रहे मन में किसी के, ना रहे मन को किसी से मलाल."
होली की हार्दिक शुभकामनायें
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeletebadee shaandaar damdaar zaandar bhavo ke sabhee rang liye ye gazal vicharo se holi khel gayee .
ReplyDeletebahut dino se blogjagat se tatasthta akhree par sehat ka dhyaan rakhana bhee jarooree tha nuksaan mera hee hua hai acchee rachanao ko padne se vanchit jo rahna pada.
der aae durust aae.
shubhkamnae.
आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....
ReplyDeleteरंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteनेह और अपनेपन के
ReplyDeleteइंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप सभी को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
बड़ा नासमझ है जो होली के दिन भी-
ReplyDeleteगुनाहों से भीगी ये चादर न धो ली.
क्या बात है कुंवर जी. बहुत सुन्दर शेर है. होली तो एक मौका है, मेल-मिलाप का, पिछली रंजिशें भूलने का, और गुनाहों के प्रायश्चित का भी.
होली के पावन अवसर पर
ReplyDeleteबहुत ही सार्थक और उत्तम विचारों से
ओत प्रोत भावांजली से साक्षात्कार करवाया आपने
आज के समय के लिए
बहुत आवश्यक और महत्त्वपूर्ण सन्देश.... !
Sundar rachana......holi ki hardik shubhkamnaye
ReplyDeleteन बच कर निकल पाओगे इस गली से,
ReplyDeleteजो कल तक थी शर्मा रही आज बोली.
waah........sir is se achhi holi aur kya hogi......mast laga.....!!!
holi ki shubhkaamnayen...